कृषि प्रसंस्करण एवं व्यवसाय में छोटे निवेशकों को प्रोत्साहन

जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्राी कार्यालय में मंत्रिमण्डल की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
बैठक में राज्य में कृषि प्रसंस्करण उद्योगों एवं कृषि व्यवसाय क्षेत्रा में निवेश विशेषतः छोटे निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में 25 करोड़ रुपए या इससे अधिक निवेश करने वाले उद्योगों को विद्युत प्रभार के लिए 7 वर्ष हेतु, भूमि के प्रथम क्रय/लीज पर लेने पर मुद्रांक शुल्क, भूमि रुपएपान्तरण प्रभार एवं मंडी शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दिये जाने का प्रावधान था, जिसे मंत्राीमंडल ने भारी छूट देते हुए उक्त नीति के अन्तर्गत पूर्व में स्थापित हुए एवं स्थापित होने वाले सभी उद्योगों एवं व्यवसायों को बिना किसी निवेश की सीमा के यह समस्त छूट प्रदत्त कर दी है। ऐसा होने से यह आशा है कि छोटे एवं बड़े समस्त उद्योग एवं व्यवसाय इस नीति का लाभ लेते हुए अपने उद्यम शीघ्र शुरुपए कर सकेंगे।
शीघ्र शुरुपए होने वाली परियोजनाओं के लिए प्रति नियोजित व्यक्ति प्रत्येक वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 7 हजार रुपए की दर से एवं महिला तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारी के लिए 9 हजार रुपए प्रति कर्मचारी प्रतिवर्ष की दर से देय अतिरिक्त रोजगार आधारित प्रोत्साहन राशि के लिये पूर्व में निर्धारित निवेश सीमा 25 करोड़ अथवा अधिक को संशोधित करते हुए शहरी क्षेत्रों में 10 करोड रुपए एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 5 करोड़ रुपए करने का निर्णय भी लिया गया। यह प्रोत्साहन वाणिज्यिक उत्पादन शुरुपए होने के बाद 3 साल तक दिया जाएगा।
इन समस्त छूटों का लाभ उन्हीं उद्यमियों को मिलेगा जिनकी परियोजना की स्वीकृति “कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति 2010“ के तहत 31 मार्च 2014 से पूर्व प्राप्त होगी।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान कृषि उपज मण्डी अधिनियम,1961 की धारा 40 एवं 41 के मध्य धारा 40-ए समाविष्ट किये जाने का निर्णय लिया। इस अधिनियम की धारा 40 के बाद एवं धारा 41 से पूर्व धारा 40-ए को समाविष्ट करने से राज्य सरकार को मण्डी शुल्क में छूट/रियायत देने की स्पष्ट शक्तियां प्राप्त हो जायेगी। जिससे राज्य में कृषि उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा एवं इस क्षेत्रा में पूंजी निवेश को प्रोत्साहन मिल सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान भू-राजस्व (बीज भण्डार के निर्माणों के लिये भूमि आवंटन एवं संपरिवर्तन) नियम,1965 के तहत पात्रा सहकारी समितियों को अनाधिवासित सरकारी भूमि का निःशुल्क आवंटन करने को मंजूरी दी। इससे पात्रा सहकारी समितियों को भूमि का आवंटन निःशुल्क होने से सहकारी आन्दोलन सशक्त होगा।
बैठक में लाफार्ज इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड द्वारा चित्तौड़गढ जिले में प्रस्तावित नई सीमेन्ट इकाई के लिये विशेष सुविधा पुंज का अनुमोदन किया गया। इससे कम्पनी में कार्यरत कामगारों को रोजगार मिलता रहेगा। इसके अलावा कम्पनी द्वारा बनाये गये उत्पादों का राज्य में वितरण करने पर वेट के रुपएप में परिलाभ प्राप्त हो सकेगा। कम्पनी द्वारा इस परियोजना पर लगभग 1 हजार करोड़ रुपएपये का निवेश किया जा चुका है। संयंत्रा के निकट टाउनशिप का कार्य प्रगति पर है जो लगभग 50 प्रतिशत पूरा हो चुका हैं। बैठक में केन्द्र सरकार के विभागों एवं प्रतिष्ठानों के लिये रियायती दरों पर भूमि आवंटन किये जाने संबंधी राजस्व विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके फलस्वरुपएप इण्डो तिब्बत बॉर्डर पुलिस, भारत सरकार/विशेष सुरक्षा दल, भारत सरकार/एस.आई.बी. गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं सशस्त्रा सीमा बल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के विभागों को रियायती दर पर भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी। जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार तथा स्थानीय क्षेत्रा में व्यावसायिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा। आपात एवं कानून व्यवस्था की स्थिति में राज्य सरकार की मांग व केन्द्र सरकार के निर्देशों पर सेवा/सहायता ली जा सकेगी।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सचिवालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम, 1970, राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा नियम, 1999 एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग (लिपिकवर्गीय और अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम, 1999 में संशोधन करने का निर्णय लिया। इससे 31 जुलाई, 2013 तक सैकण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 31 जुलाई, 2013 तक की रिक्तियों के विरुपएद्ध पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।
बैठक में परिवहन विभाग द्वारा रेलमगरा जिला राजसमंद में प्रस्तावित ’ट्रांसपोर्ट हब’ के निर्माण एवं स्थापना के लिये ट्रांसपोर्ट हब डवलपमेंट एण्ड रेग्युलेशन के प्रस्तुत प्रारुपएप का अनुमोदन किया गया। इससे ट्रांसपोर्ट हब के निर्माण एवं विकास की कार्यवाही की जा सकेगी जिससे एक ही स्थान पर ट्रांसपोर्ट संबंधी समस्त प्रकार की सुविधायें उपलबध हो सकेंगी।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान कोषागार नियम के पुनर्लेखन का अनुमोदन किया। इसके परिणामस्वरुपएप कोषालय नियमों का सरलीकरण तथा प्रक्रिया में बदलाव के अनुरुपएप नियमों में समावेश होगा तथा कोष कार्यालय के कार्य में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त सूचना प्रौद्योगिकी व नई भुगतान व प्राप्ति की प्रक्रिया का सुगम व सरल उपयोग होगा।

ई-इण्डिया पब्लिक च्वॉइस अवार्ड के तहत मिली ट्रॉफी एवं साइटेशन का अवलोकन
जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने बुधवार को यहां मुख्यमंत्राी कार्यालय में राजस्थान लोक सेवा आयोग तथा राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ’ई-इण्डिया पब्लिक च्वॉइस अवार्ड-2012’ के तहत मिली ट्रॉफी एवं साइटेशन का अवलोकन किया।
श्री गहलोत ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग को बधाई देते हुए कहा कि ई-गवर्नेंस की दिशा में यह अच्छा कार्य है।
उल्लेखनीय है कि 15-16 नवम्बर को हैदराबाद में आयोजित ई-गवर्नेंस कार्यशाला में यह ट्रॉफी एवं साइटेशन प्रदान किया गया। इसमें राजस्थान लोक सेवा आयोग को अभ्यार्थियों के ऑनलाइन आवेदन जमा कराने के प्रभावी तंत्रा का विकास करने के लिए ’गवर्नमेंट टू सिटीजन’ श्रेणी के तहत तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को कॉमन सर्विस सेन्टर्स के माध्यम से डिजीटली हस्ताक्षरित प्रमाण पत्रा उपलब्ध कराने के लिए ’सी.एस.सी. इनिशिएटिव’ श्रेणी के तहत यह अवार्ड दिया गया।
मुख्यमंत्राी को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से मई,2011 से अक्टूबर,2012 के बीच प्रदेश में करीब 13 लाख डिजीटली हस्ताक्षरित प्रमाण पत्रा प्रदान किये गये हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2011-2012 में अभ्यार्थियों द्वारा करीब 17.52 लाख ऑनलाइन आवेदन पत्रा भरे गए।
इस अवसर पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत पाण्डे, आई.टी. विभाग के सचिव एवं आयुक्त श्री संजय मल्होत्रा, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव श्री के.के.पाठक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में संयुक्त निदेशक श्री आर.के.शर्मा, उपनिदेशक श्री प्रवीण भारद्वाज, राजस्थान लोक सेवा आयोग के संयुक्त निदेशक श्री अखिलेश मित्तल, राजकॉम्प में उप प्रबंधक श्रीमती प्रीति सुरोलिया एवं प्रोजेक्ट मैनेजर श्री अनिल सिंह उपस्थित थे।

गहलोत को पुस्तक की प्रथम प्रति भेंट
जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत को बुधवार को यहां मुख्यमंत्राी निवास पर डॉ. संजय पुरोहित ने चिकित्सक वर्ग के विधिक दायित्वों पर लिखी अपनी पुस्तक ’डॉक्टर्स बी अवेयर: इग्नोरेंस ऑफ लॉ, नो एक्सक्यूज’ की प्रथम प्रति भेंट की।
मुख्यमंत्राी को डॉ. पुरोहित ने अवगत कराया कि इस पुस्तक में चिकित्सक के कर्त्तव्यों के अलावा डॉक्टर्स ’क्या करें’ और ’क्या नहीं करें’ इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुस्तक कानून के जानकारों के सहयोग एवं सुझावों के आधार पर तैयार की गई है। इस अवसर पर डॉ. प्रवीण मंगलूनिया, डॉ. ईश मुंजाल, डॉ. नवीन सक्सेना एवं डॉ. सोहन गोयल भी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!