शनिवार और रविवार को अवकाश के दिन सरस्वती पूजा होने के चलते सरकार ने
सोमवार को अतिरिक्त छुट्टी देने में देर नहीं लगाई। लेकिन वहीं देश के
साधारण मेहनतकश वर्ग के लिए छुट्टी गूलर के फूल की तरह है। पेश है इसी
विडंबना पर खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा की चंद लाइनें
देश में किसी को तो बिन मांगे मिल जाए छुट्टी
कहीं मांगी छुट्टी तो समझो नौकरी छूटी
चुनावी फायदे के लिए अचूक है पे कमीशन की बूटी
वहीं शिक्षित बेरोजगारों को पकौड़े का अर्थशास्त्र
समझाने में राजनेताओं की छड़ी टूटी
कोई भये साठा तो बरसे सोने की ईंट
कोई इस उम्र में मांगे मनीआर्डर वाले पेंशन की भीख
कोई गिने चिल्लर तो कोई सजाए नोटों की आढ़त
सचमुच एक भारत में बसे कई भारत
तारकेश कुमार ओझा , खड़गपुर (पश्चिम बंगाल)
संपर्क : 09434453934,9635221463