राजस्थान-स्थापना दिवस की शुभ कामनाएं

केकड़ी 30 मार्च।
राजस्थान अपनी आन, बान, शान शौर्य, साहस, कुर्बानी, त्याग और बलिदान तथा वीरता के लिए सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है। इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है। राजस्थान सांस्कृतिक रूप से भी काफी समृद्ध है और इसके प्राचीन इतिहास का प्रभाव इसकी कलात्मक और सांस्कृतिक परंपरा पर दिखाई देता है। यहां अलग-अलग प्रकार की समृद्ध लोक संस्कृति है, जिसे अक्सर राज्य का प्रतिक भी माना जाता है। राज्य की अर्थ व्यवस्था कृषि एवं ग्रामीण आधारित है। कृषि और पशु पालन यहां के निवासियों के मुख्य रोजगार हैं लेकिन यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यदि आप भारतीय विरासत और शाही ठाठ के दर्शन पास से करना चाहते है तो राजस्थान आपके लिए सर्वोतम गंतव्य है। यहां बहुत से प्राकृतिक और मानव निर्मित पर्यटन स्थल है। उल्लेखनीय है कि 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था। यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है। राजस्थान की स्थापना 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में 1 नवंबर, 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी. पी. मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। राजस्थान शब्द का अर्थ है- ‘राजाओं का स्थान’ क्योंकि यहां गुर्जर, राजपूत, मौर्य, जाट आदि ने पहले राज किया था। क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। हीरा लाल शास्त्री राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री थे। देश की आजादी के बीते 71 सालों में राजस्थान की आबादी में तेजी से इजाफा हुआ है। 1951 में इसकी आबादी 1.59 करोड़ थी, वहीं अभी इसकी आबादी करीब 7 करोड़ है। आज राजस्थान विकसित राज्यों की गिनती में आने लगा है। पूरे देश में राजस्थान की एक अलग पहचान है।

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