बीकानेर। खसरा-रुबैला से नई पीढ़ी की प्रतिरक्षा केवल सरकार का नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज का दायित्व है और पीडियाट्रिक सोसाइटी की भूमिका तो और भी अहम है। इसी मूलमंत्र के साथ जिले के शिशु रोग विशेषज्ञ ओरी को जड़ से समाप्त करने और रुबैला को नियंत्रित करने के लिए लामबन्ध हुए। विश्व स्वास्थ्य संगठन, आईएमए और स्वास्थ्य विभाग को साथ लेकर इंडियन पीडियाट्रिक अकादमी ने आगामी खसरा-रुबैला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। स्थानीय होटल के सभागार में अकादमी द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर जिले के सभी सरकारी व निजी पीडियाट्रिशियन को अभियान से जोड़ा गया।
सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने विशेष टीकाकरण अभियान के प्रति माता-पिता व बच्चों में सकारात्मक माहौल तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस अभियान में जिले के 9 माह से 15 वर्ष आयु तक के 8 लाख बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाना है। आरसीएचओ व अभियान के नोडल डॉ. रमेश गुप्ता ने पीडियाट्रिशियन को उनके क्षेत्र के विद्यालयों में छोटे-छोटे कार्यक्रम भी करने की अपील की जिससे 22 जुलाई से पहले ही अभियान की गुणवत्ता व आवश्यकता से आमजन परिचित हो सके। आईएपी (इंडियन अकैडेमी ऑफ पीडियाट्रिक ) के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप बिट्ठू व सचिव डॉ. श्याम अग्रवाल ने पीडियाट्रिशियन्स की ओर से हरसंभव सहयोग का संकल्प दोहराया। उन्होंने बताया कि सभी निजी अस्पताल भी अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अपने परिसरों में पोस्टर-बैनर लगाकर आमजन को जागरुक करेंगे। डॉ. जी.एस. सेंगर ने बताया कि निजी अस्पतालों में पहले से जारी इस टीकाकरण के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है और ये पूर्णतया सुरक्षित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से डॉ. कृति पटेल व डॉ. मनीषा मंडल द्वारा अभियान की प्रेजेंटेशन दी गई और पीडियाट्रिशियन्स से अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से डॉ. राहुल हर्ष और नवल गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी चिकित्सक अभियान को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए टीकाकरण को प्राथमिकता के साथ सफल बनाएंगे।
