दिव्यांग बालक-बालिकाओं को 465 अंग-उपकरण वितरित किये गए

बीकानेर,31 जुलाई। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम कहा कि विशिष्ट बच्चे शारीरिक,मानसिक, सामाजिक,शैक्षिक, व्यायहारिक विशेषताओं के कारण दूसरे बच्चों से अलग होने के कारण उन्हें उनकी योग्ताओं,क्षमताओं एवं शक्तियों के समुचित रूप से विकसित करने के लिए सम्बलन की आवश्यकता होती है। विशिष्ट बच्चों में भी दुलर्भ गुण, क्षमताएं प्रकृति तथा कार्य करने की क्षमता होती है। जिसे शिक्षक व अभिभावक मिलकर बच्चों की क्षमताओं को परिमार्जित कर आगे बढ़ाने में सहयोग करें।
जिला कलक्टर गौतम ने यह बात समग्र शिक्षा अभियान द्वारा बुधवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरसागर में आयोजित विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं को कृत्रिम अंग-उपकरण वितरण कैम्प में कही।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धमेन्द्र कुमार जोशी ने बताया कि एलिमकों के सहयोग से बच्चों का असेसमेन्ट कैम्प आयोजन कर बालक-बालिकाओं को चिन्हित किया तथा अब अंग उपकरण वितरण किया जा रहा है। अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा अभियान हेतराम सारण ने बताया कि दिव्यांग बच्चे अपने आपको हीनभावनाओं से ग्रसित न समझे,इस हेतु सभी कार्मिक संवेदनशील होकर कार्य करें तथा इन बच्चों को मेनस्ट्रीमींग में जुड़ने हेतु प्रेरित करें।
शिविर में जिला उद्योग संघ के जिलाध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया व संयुक्त आयकर आयुक्त बीकानेर एस.के.शर्मा, आयकर अधिकारी प्रकाश पारीक, बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के सचिव वीरेन्द्र किराडू एवं राजाराम सारड़ा उपस्थित थे। संयुक्त आयकर आयुक्त एस.के.शर्मा ने कहा कि मानव सेवा ही प्रमुख सेवा है व उसी से मानव का कल्याण होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक लीलाधर पंवार व जिला समाज कल्याण अधिकारी वाजिद खान ने अपने विभाग की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
जिला प्रभारी समावेशित शिक्षा शिव शंकर चौधरी ने बताया कि इस शिविर में ट्राईसाईकिल,व्हीलचेयर, क्रच एल्बो, सी.पी.चेयर,ब्रेल किट, डेजी प्लेयर,स्मार्ट केन,स्मार्ट फोन,रोल्टर,हियरिंग एड, एम.आर.किट सहित कुल 465 अंग उपकरणों का वितरण किया गया।
शिविर मे सहायक परियोजना समन्वयक कैलाश कुमार बडगुजर, कार्यक्रम अधिकारी पृथ्वीराज, श्रीकृष्ण चौधरी, उमर फारूख, डी.सी. भुवनेश्वर साध तथा धीरज पारीक ने अपनी सेवाऐं दी।
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अपना घर आश्रम में निःशुल्क चिकित्सा शिविर 1 अगस्त को
बीकानेर, 31 जुलाई। नेशनल औरल हैल्थ डे पर गुरूवार 1 अगस्त को इन्डियन डेंटल एशोसियेशन की बीकानेर इकाई द्वारा अपना घर आश्रम, वृन्दावन एन्क्लेव में बुजुर्गों के लिए शिविर आयोजित किया जायेगा।
एशोसियेशन की जिला इकाई अध्यक्ष डॉ. कुसुम सिंह ने बताया की 1 अगस्त को शाम 4.00 बजे से एक कैम्प का आयोजन आश्रम में किया जायेगा। इस कैम्प में ना सिर्फ अपना घरवासियों में औरल हैल्थ की जांच की जायेगी बल्कि जरूरतमंदो के दांतो की सफाई, मसाला भरना व हिलते हुऐ दांतो का निकालने का कार्य भी किया जायेगा। इसके साथ ही नकली दांत लगाने के लिए नाप भी लिया जायेगा। कैम्प में जरूरत के अनुसार दवाईयों का निःशुल्क वितरण भी किया जायेगा। इस कैम्प में डॉ. आशु मलिक, डॉ. पारूल यादव, डॉ. कुसुम राठौड़ व पी.बी.एम. अस्पताल के डॉ. जितेन्द्र, डॉ. राजीव, डॉ. मन्जु, डॉ. ऋचा, डॉ. निकिता, डॉ. पल्लवी, डॉ. दीपक व डॉ. गरिमा निःशुल्क सेवाऐं देंगे।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में आयोजित होगी नारी चौपाल
जिला कलक्टर ने महिला सशक्तीकरण के दिए निर्देश

बीकानेर, 31 जुलाई। महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता, महिलाओं की समस्याओं के निस्तारण व महिला सशक्तीकरण के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर माह नारी चौपाल आयोजित की जाएगी।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की जिला टास्क फोर्स की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि है कि ग्राम पंचायत वार स्थान व दिन निर्धारित कर नारी चौपाल का आयोजन किया जाए जिसमें महिला सशक्तीकरण व महिला अधिकारों के संरक्षण के विषय पर चर्चा हो। गौतम ने कहा कि नारी चौपाल आंगनबाड़ी केन्द्र, राजीव गांधी सेवा केन्द्रों या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर आयोजित की जाए तथा आयोजन से पूर्व ग्राम पंचायत की महिलाओं, बालिकाओं व किशोरियों के बीच इसका प्रचार प्रसार किया जाए ताकि वे नारी चौपाल में शामिल हो सके। उन्होंने कहा कि नारी चौपाल में महिला सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाए, साथ ही घरेलू हिंसा, बाल विवाह व अन्य किसी भी प्रकार से हिंसा से पीडि़त महिलाओं की समस्याओं पर सुनी जाए और सम्बंधित विभाग से समन्वय कर सहायता मुहैया करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस चौपाल के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को एक मंच मिल सकेगा जहां महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता के साथ-साथ संरक्षण की दिशा में भी कार्य हो सकेगा।
जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि शिक्षा से वंचित बालिकाओं का शत-प्रतिशत नामांकन करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सेकेण्डरी स्कूल की ड्रॉपआउट बालिकाओं का चिन्हीकरण कर उनका पुनः नामांकन करवाने का प्रयास करें। गौतम ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर बेटी जन्मोत्सव आयोजन किया जाए जिसमें बेटी जन्म को सेलिब्रेट करने के लिए ग्रामवासियों का सक्रिय सहयोग लिया जाए। सभी राजकीय चिकित्सालयों में होने वाले बेटी जन्म पर बेटी उपवन में एक पौधा अनिवार्य रूप से लगवाया जाए। साथ ही बच्ची पैदा होने पर उसके अभिभावकों को भी एक पौधा भेंट किया जाए।
लंच विद डॉटर्स
शिक्षा, खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली बेटियों को जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम के साथ लंच करने का अवसर प्राप्त होगा। जिला कलक्टर ने बताया कि लंच विद डॉटर्स कार्यक्रम का उद््देश्य बालिकाओं को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि लोकल चैम्पियन, ब्लॉक स्तर पर ब्रांड एम्बसेडर चुनने के लिए भी आवेदन लिए जाएंगे।
रेडक्रॉस सोसाइटी के सहयोग से मिलेगी सहायता
जिला कलक्टर ने महिला अधिकारिता उपनिदेशक मेघा रतन को बच्चियों के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग आयोजित करने, एनीमिया, शिक्षा नामांकन, हाइजीन के प्रति जागरूकता के लिए भी विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पोक्सो एक्ट के प्रति जागरूकता, गुड टच-बेड टच की जानकारी देने आदि के लिए भी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए। गौतम ने कहा कि रेडक्रॉस सोसाइटी के सहयोग से एक फंड बनाया जाए, जिससे वंचित बालिकाओं को इस फंड के जरिए सहायता मुहैया करवाई जाएगी। जिला कलक्टर ने बताया कि बेटी बचाओ अभियान के तहत जिले के लिए शुंभकर निर्धारित तय किया जाएगा। इसके लिए आम लोग भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो सबसे अच्छा शुंभकर होगा उसका चयन कर अवार्ड भी दिया जाएगा।
स्कूलों में बच्चों के लिए अनिवार्यतः रखें शिकायत बॉक्स
जिला कलक्टर ने कहा कि सभी स्कूलों में बच्चों के लिए एक शिकायत पेटी अनिवार्य रूप से रखी जाए ताकि स्कूल के बच्चे अपनी शिकायत इस बॉक्स में डाल सके और बच्चों की मनः स्थिति से शिक्षक और अभिभावक अवगत हो सके। जिला कलक्टर ने कहा कि समस्त गतिविधियों का उददेश्य ऐसा वातावरण निर्माण है जिसमें बेटी जन्म के प्रति सकारात्मक संदेश जाए और लिंग भेद की प्रवृति पर रोक लग सके। बैठक में राज्य बालिका नीति पर के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई। इसके तहत बालिका पोषण, पीसीपीएनडीटी एक्ट, बालिका नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर समीक्षा की गई। बैठक में सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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