नवग्रह आश्रम में हार्टफुलनेस शिविर का आयोजन किया गया

भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा तहसील आसींद में स्थित श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान परिसर में स्वस्थ मन और शरीर के लिए के लिए हार्टफुलनेस द्वारा तनाव मुक्ति व सहज मार्ग ध्यान के सिद्वांत को लेकर शनिवार को प्रातकालीन सत्र में हार्टफुलनेस ग्रुप मेडिटेशन कार्यशाला का आयोजन रखा गया।
इसमें मुख्य वक्ता के रूप में अनुसंधान, शिक्षा साधना और प्रशिक्षण केंद्र, (मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त) बंगलौर के निदेशक प्रो. मोहनदास हेगड़े ने हार्टफुलनेस से तनावमुक्ति एव स्वस्थ मन और शरीर के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियां स्वाभाविक रूप से हमारे मन को तनावग्रस्त कर देती हैं, इस तनाव से बचने के लिए स्वस्थ मस्तिष्क की आवश्यकता होती है। हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहें इसके लिए विज्ञान और मनोविज्ञान सम्मत एक मात्र उपाय सुझाया गया है, जिसे हम ध्यान कहते हैं। ध्यान का संबंध किसी धर्म, मजहब अथवा संप्रदाय से नहीं है। बल्कि इसका सीधा संबंध मानसिक स्वास्थ्य और मनोनियंत्रण से है, जो आदमी के शरीर शास्त्र एवं मनोविज्ञान पर आधारित है। उन्होंने बताया हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट ने मानसिक स्वास्थ्य के विकास की तकनीक विकसित की है, जो पूरे विश्व में अपनाई जा रही है। भारत में भी निजी एवं व्यवसायिक क्षेत्रों, राजकीय विभागों समेत पुलिस, सेना, रेलवे, पैरामिलेट्री फोर्स के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह प्रोग्राम 110 से ज्यादा देशों में शुरू किया जा चुका है। कार्यक्रम का मकसद बिजी शेड्यूल के चलते बढ़ते स्ट्रेस और निगेटिव थॉट्स को दूर कर पॉजिटिविटी सिखाना है।
उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि वह स्वस्थ मन और शरीर के लिए इस प्रोग्राम से जरूर जुड़ें। चिकित्सा शास्त्र भी स्वीकार कर चुका है कि स्वस्थ मन से ही शरीर भी स्वस्थ रहता है, इसलिए तनावमुक्त जीवन के लिए हार्टफुलनेस प्रोग्राम से जुड़ना सभी के लिए लाभकारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह आपको भीतर से आपके जीवन के हर पहलू को ज्यादा बेहतर बनाने में मदद करती है। हार्टफुलनेस में रहते हुए, मैंने कभी किसी चीज के लिए खुद को बाउंड नहीं किया, लेकिन यहां होने वाला मेडिटेशन कुछ ऐसा नेचुरल पाथ है, जिस पर चलते हुए आप खुद ही बुरी चीजों से दूर होते जाते हैं। मैंने अपने व्यक्तित्व में भी हार्टफुलनेस के कारण खासे बदलाव किए हैं, इससे आप ईगोटिज्म, इमोशनल रिऐक्टिव नेचर और माइंडनेस व आईनेस के बीच अंतर में बदलाव होता है।
उन्होंने कहा कि हर किसी की अपनी कोई पसंदीदा चीज होती है जो आपको खुश करती है। मेरे लिए वो मेडिटेशन है। मेडिटेशन मेरे लिए सांस लेने जैसा है। ध्यान ने मेरे जीवन पर जो प्रभाव डाला है उसका असर मेरी फैमिली पर भी हुआ है।ये आपको बेहतर इंसान बनाता है। आप जरा-जरा सी बातों पर रिएक्ट नहीं करते। जब ऐसा होता है तो इसका असर आपके परिवार और बच्चों पर भी पड़ता है। एम्बिशन, एस्पिरेशन में बदल जाता है। एम्बिशन में कुछ पाने की, कहीं पहुंचने की लालसा है, जैसे सफल होना किसी का एम्बिशन हो सकता है लेकिन एस्पिरेशन अलग है। एस्पिरेशन महत्वाकांक्षा नहीं बल्कि ललक है बढ़ते जाने की। यह आपको निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। आप बेहतर से और बेहतर होना चाहते हैं। एस्पिरेशन कभी खत्म ना होने वाली एक यात्रा है।
इस दौरान ध्यान और साधना के जरिए बीपी, स्ट्रेस, डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाने के अलावा शिविर में शामिल लोगों को रिश्तों में प्रेम, बच्चों के साथ बेहतर रिलेशनशिप, स्ट्रेस फ्री कैसे रहें, पॉजिटिविटी बढ़ाने के बारे में भी बताया गया।
श्री नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चोधरी ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था की भीलवाड़ा इकाई के तत्वावधान में आश्रम परिसर में आयोजित कार्यक्रम से आज करीब 1250 लोग लाभान्वित हुए। आश्रम के संस्थापक हंसराज चोधरी ने बताया कि हार्टफुलनेस के इस शिविर के माध्यम से लोगों को स्वस्थ्य रहने के टिप्स दिये गये। उन्होंने आश्रम की हर्बल वाटिका, आश्रम विज्ञान मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रो हेगड़े ने सभी का निरीक्षण किया तथा इसे बेमिसाल बताया।
इस दौरान भीलवाड़ा इकाई की ओर से सीता श्रीमाली, राजकुमार श्रीमाली, दुर्गा झंवर ने आभार ज्ञापित किया।

मूलचन्द पेसवानी

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