भूली हुई यादें दिलातीं सर्दी में गर्मी का एहसास

दिमाग की अनसुलझी गुत्थियां सुलझने के साथ ही कही-सुनी बातों के भी प्रमाण सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में पता चला है कि पुरानी यादों में खोए रहने से न सिर्फ हाथ गर्म होता है बल्कि दिल को भी सुकून पहुंचता है। हमारे दिमाग में एक ऐसा हिस्सा है, जहां से भावनाएं नियंत्रित होती हैं। यहीं के पैदा होनेवाले उद्दीपन शरीर को सर्दी में भी गर्मी का एहसास दिलाते हैं।

अकेलेपन को दूर करने के लिए यादों में खो जाने का बड़े-बूढि़यों का बताया नुस्खा बिल्कुल कारगर है। इसे साबित करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन में एक शोध किया गया। इसके यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना और नीदरलैंड्स के वालंटियर बुलाए गए।

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के सीनियर लेक्चरर डॉ. टिम वाइल्डशट कहते हैं, ‘हम सभी अक्सर अतीत में खो जाते हैं। इससे हमें मानसिक शांति मिलती है, लेकिन हम जानना चाहते थे कि क्या इससे हमारे शरीर के तापमान पर भी असर पड़ता है।’

इस शोध में शामिल वालंटियरों को 30 दिन तक पुरानी यादों का हिसाब-किताब रखने को कहा गया। नतीजों से पता चला कि जिस दिन अधिक ठंड थी, उस दिन उन्हें बीते समय के खुशनुमा पलों की ज्यादा याद आई। इसी कड़ी में दूसरे प्रयोग में वालंटियरों को अलग-अलग तापमान (20, 24 और 28 डिग्री सेल्शियस) वाले कमरों में रखा गया। इससे पता चला कि ठंडे कमरे के वालंटियरों को अतीत के पलों की ज्यादा याद आई। इसके ठीक विपरीत 24 और 28 डिग्री सेल्शियस तापमान वाले कमरों के वालंटियर को बीती बातों की कम याद आई।

इस शोध को आगे बढ़ाते हुए संगीत की पसंद को लेकर एक ऑनलाइन सर्वे किया गया। पता चला कि संगीत सुनकर जो लोग पुराने जमाने में खो गए, उन्हें शरीर में गर्मी भी महसूस हुई। इस कड़ी में शोधकर्ताओं ने दो और अध्ययन किए और दोनों के निष्कर्ष पहले की तरह ही रहे। यह शोध अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की पत्रिका ‘इमोशन’ में प्रकाशित हुआ है।

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