केन्द्रीय दल ने किया टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का दौरा

प्रभावित किसानों से बात कर ली जानकारी
बीकानेर, 18 फरवरी। अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल के सदस्यों ने मंगलवार को खाजूवाला क्षेत्र में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर फसल खराबे का आकलन किया।
निदेशक डीएमडी डाॅ. सुभाष चन्द्रा के नेतृत्व में आए इस दल में केंद्रीय वाटर कमीशन के अधिकारी एसडी शर्मा और आईसीएआर के पौध संरक्षक अधिकारी डॉ विपिन शर्मा ने भी किसानों से चर्चा कर, फसलों को हुए नुकसान की जानकारी ली।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने केंद्रीय दल को सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डी आने के बाद उपजे हालात और टिड्डी के नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्थाओं और संसाधनों के बारे में बताया। अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल 3 पावली, चक, 24 केएनडी चक, 10 बी डी गांव के किसानों से मिले। किसानों ने उन्हें टिड्डी प्रभावित फसलों की जानकारी दी। किसानों ने बताया कि उनकी सरसों, चना, तारामीरा और गेहूं की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। खेत में टिड्डी द्वारा खराब की गई सरसों फसल के डंठल साफ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने 3 पावली चक के खेत मालिक किसान भंवर पंडत, 24 केएनडी के किसान राजूराम, किसान भागीरथ पुत्र मालू राम से उनके खेतों में बोई हुई फसलों के बारे में पूछा। अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने किसानों से पूछा कि उन्होंने कितनी बीघा में बिजाई की थी, अगर टिड्डी नहीं आती तो फसल उत्पादन कितना होता और टिड्डी के फसल चट करने के बाद अब कितना उत्पादन हो सकेगा। साथ ही उन्होंने पूछा कि इस इलाके में कितनी बार टिड्डी आई और खेतों में कितनी देर तक रुकी। उन्होंने किसानों से पूछा कि नियंत्रण के लिए क्या प्रयास हुए हैं, इस पर किसानों ने उन्हें बताया कि जिस भी खेत में टिड्डी बैठी उन खेतों की सरसों, चना, तारामीरा और गेहूं की फसलों को चैपट कर दिया। जितने भी क्षेत्र में फसल बची है वह जिला प्रशासन, कृषि व अन्य विभागों और किसानों के सहयोग से बची है। मुसीबत की घड़ी में जिला प्रशासन ने बहुत सहयोग किया है। उन्होंने उप खण्ड अधिकारी खाजूवाला संदीप कुमार से तहसील क्षेत्र में किसानों की संख्या और प्रभावित किसानों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने हलका पटवारी से फसल खराबा की गई गिरदावरी के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) जगदीश पूनिया, टिड्डी विभाग के पौध संरक्षण अधिकारी धन्ने सिंह, सहायक निदेशक (कृषि विस्तार) डाॅ. राम किशोर मेहरा, कृषि अधिकारी डाॅ. सुभाष चंद्र बिश्नोई मौजूद रहे।
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बाजार दर पर मिले किसानों को टिड्डी से हुए नुकसान का मुआवजा-गौतम
केन्द्रीय अध्ययन दल प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर

बीकानेर, 18 फरवरी। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय समन्वय से टिड्डी हमले की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित की जाए जिससे टिड्डी हमले की संभावित जानकारी सम्बंधित जिले तथा काश्तकारों को देकर फसल नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बीकानेर के खाजूवाला और बज्जू क्षेत्र में टिड््डी का प्रकोप पूर्व में था अब बीकानेर के इन दोनों स्थानों से पूरी तरह से मुक्त हो गया है साथ ही अगर भविष्य में कभी टिड्डी के कारण फसल का खराबा हो तो उसका मुआवजा बाजार दर पर काश्तकारों को उपलब्ध करवाए जाए।
गौतम जिले के टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में नुकसान के बाद हालात का जायजा लेने आए केंद्रीय मंत्रालय दल के सदस्यों के साथ मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। अध्ययन दल में डीएमडी जयपुर निदेशक डाॅ सुभाष चंद्र, केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक एस डी शर्मा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर जोधपुर के वैज्ञानिक डाॅ विपिन चैधरी शामिल थे। गौतम ने केंद्रीय अध्ययन दल को बताया कि टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए यह भी आवश्यक है कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर समन्वय किया जाए, जिस जगह से उत्पत्ति होकर टिड्डी अन्य देशों में जाती है और इस दौरान रास्ते में ही इसे रोक दिया जाए तो फसलों का होने वाला नुकसान बच सकता है। उन्होंने अध्ययन दल के सदस्यों को यह भी बताया कि टिडडी के मूवमेंट की जानकारी अगर पहले से ही हो जाए इसके लिए भी कोई सिस्टम विकसित किया जाए। कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण विभाग इस तरह आईईसी करें कि कि लोगों में टिड्डी प्रकोप को लेकर भ्रांतियां ना रहे तथा यदि टिड्डी का आक्रमण होता है तो स्थानीय काश्तकार प्रशासन तथा नियंत्रण इकाईयों के साथ पूरा सहयोग करें।
जिला कलक्टर ने बताया कि काश्तकार की फसल को नुकसान हेने पर वर्तमान नियमानुसार मुआवजे के तौर पर 13 हजार 500 रुपए प्रति हैक्टेयर तथा अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने इस आर्थिक मदद को बढ़ाने की बात कही, जिससे किसानों के नुकसान की अधिकतम भरपाई हो सके। उन्होंने अध्ययन दल से यह भी कहा कि वह अपनी रिपोर्ट में नुकसान के मुआवजे को बाजार मूल्य से भुगतान करने की भी अनुशंसा करें।
अत्याधुनिक उपकरण होंगे सीमावर्ती क्षेत्र में
जिला कलक्टर गौतम में कहा कि भविष्य में अगर टिड्डी का प्रकोप होता है तो उससे निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरण टिड्डी विभाग उपलब्ध करवा दें तो समय रहते जिला प्रशासन इन सभी उपकरणों को बीकानेर से लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ी तहसीलों पर रख दें ताकि जैसे ही टिड्डी का हमला हो तो अत्याधुनिक उपकरणों और दवाओं के माध्यम से उनके प्रवेश के साथ ही उन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। जिला कलक्टर ने कहा कि टिड्डी का इस क्षेत्र में जनवरी माह में दूसरी बार हमला था। इससे पहले मई 2019 में टिड्डी दल का हमला हुआ।
काश्तकारों का रहा सकारात्मक सहयोग
गौतम ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण में स्थानीय काश्तकारों का बेहतरीन सहयोग रहा। उन्होंने बताया कि व्हाट्सऐप ग्रुप आदि के जरिए किसानों ने कृषि विभाग के साथ समन्वय कर जानकारी साझा की और टिड्डी नियंत्रण में पूरा सहयोग दिया। स्थानीय लोगों ने अपने टेªक्टर आदि के जरिए कीटनाशक का छिड़काव किया। नियंत्रण के कार्य में बीएसएफ का भी सहयोग मिला। गौतम ने बताया कि खराबे का मुआवजा देने के लिए प्रशासन ने विशेष गिरदावरी करवाई। इस रिपोर्ट के अनुसार बज्जू के 23 राजस्व तथा खाजूवाला के 10 राजस्व ग्रामों के कुल 1673 किसान प्रभावित हुए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, उपखण्ड अधिकारी रिया केजरीवाल, पौध संरक्षण अधिकारी टिड्डी विभाग धन्ने सिंह पूनिया, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जगदीश पूनिया, सहायक निदेशक कृषि विस्तार डाॅ रामकिशोर मेहरा, कृषि अधिकारी पौध संरक्षण डाॅ सुभाषचंद्र बिश्नोई उपस्थित थे।
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वीरता और गौरव की शानदार गाथा को हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया
बीकानेर, 18 फरवरी। 5 वीं बटालियन (नेपियर्स) दी राजपुताना राइफल्स ने 15 से 18 फरवरी 2020 तक अपने 200 वर्षो की वीरता और गौरव की शानदार गाथा को हर्षोउल्लास के साथ मनाया। बटालियन ने अपनी विन्रम शुरूआत 24 मई 1820 के दिन पूना में पहली अतिरिक्त बटालियन ने टिवइंफैन्ट्री के रूप कि और 1945 में इसे 5 वी ंबटालियन (नेपियर्स) दी राजपूताना राइफल्स का वर्तमान नाम दिया गया। 200 वर्षो के अपने समृद्ध इतिहास मंे बटालियन ने दुनिया भर में विभिन्न महायुद्धों तथा अन्य लड़ाईयों में भाग लिया है, साथ ही 27 युद्ध सम्मान, थियेटर आॅनर और 200 वीरता पुरस्कार आजादी से पहले व बाद मेें प्राप्त किए जिसमें एक विक्टोरीया क्रास, 19 मिल्ट्रीक्रास, एक कीर्तिचक्र, तीन वीरचक्र और तीन शौर्य चक्र भी शामिल है। द्विशताब्दी समारोह का आयोजन बटालियन की विभिन्न युद्धों में प्रदर्षीत की गई वीरता को श्रद्धाजंली है जिसे हर्षोल्लास, उत्साह व पूरे सैन्य परम्परा से मनाया गया। समारोह में युनिट सें जुडे़ कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, सेवानिवृत सैनिक, वीरनारियाॅ, वीरंागनाए और सिविल से गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। बटालियन के सभी अधिकारयों, सरदार साहेबानों और जवानों को समर्पित ट्राॅफी के अनावरण के अलावा 45 वीरनारियों, विरांगनाओ ंजिनके पतियों ने शहादत प्राप्त की और राष्ट्र के सम्मान में सर्वोच्च बलिदान दिया उन्हे सम्मानित करने के लियें समारोह आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर बटालियन के सभी पदों ने शपथ ली कि सम्पूर्ण कार्य कुशलता और दृढ़ता से देश की सेवा में सदैव समर्पित रहेंगे।

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