अजमेर। अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की 89वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। सरस डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि दुग्ध उत्पादकों को नियमित भुगतान के लिए आरसीडीएफ से 30 करोड और दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से 5 करोड़ का ऋण लिया जायेगा। 21 नवम्बर से दुग्ध का खरीद मूल्य 4 रुपये प्रति फेट कर दिया गया है। साथ ही जिले के दुग्ध उत्पादकों को रिजके के लिए 42 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। संघ ने 6 लाख रुपये की लागत की सेंपरेटर मशीन टेट्रा पेक से खरीदने का निर्णय लिया है। चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में भारत सरकार से कुल अनुदान 1 करोड 27 लाख का प्राप्त होगा, जिसमें डेयरी फेडरेशन और ग्राम पंचायत का शेयर साढ़े 42 लाख रुपये समाहित किया जायेगा। डेयरी दुग्ध उत्पादकों को की ट्रेनिंग पर इस साल साढ़े 7 लाख रुपये, मस्लिन क्लॉथ, डिटर्जेन्ट, दवाइयों पर साढ़े 4 लाख रुपये और स्वच्छ दुग्ध संग्रहण के लिए 9 लाख रुपये के स्टील के कंटेनर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि मिल्कोस्केन एफटीवन मशीन, जिसकी कीमत 70 लाख रुपये है, डेयरी में लगाई जायेगी। सरस डेयरी राज्य की पहली दुग्ध डेयरी होगी, जहां अत्याधुनिक मशीनों से दूध और घी की मिलावट का पता लगाया जा सकेगा। 38 हजार रुपये प्रति मशीन के हिसाब से 3 चरणों में 100 लेक्टोस्केन मशीनें भी गांव में वितरित की जायेंगी। इसी माह 36 गांव को बल्क मिल्क कूलर दिये जायेंगे, जिनसे गांव में ही दूध और घी में होने वाली मिलावट का पता लगाया जा सकेगा। चौधरी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारी और अधिकारीयों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा के निर्धारण का अधिकार संचालक मण्डल को दे दिया है।
