कोरोना योद्धाओं के वेतन की कटौती कहां तक उचित है

मेरा ये सुझाव मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी व हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक जी गहलोत को भिजवा रहा हूं।इसमें आपकी सहमति,असहमति या सुझाव जो भी हो जरूर दें।
लॉक डाउन की वजह से हमारे देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था पुरी तरह से चरमरा गई है।हम सब इन हालातों को समझ भी रहे हैं।देख भी रहे हैं।हर व्यक्ति अपने हिसाब से देश व प्रदेश के हित में अपनी सहभागिता निभाने का प्रयास कर ही रहा है।सरकार ने लगभग सभी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कटौतियां की है।कुछ सरकारी कार्मिकों व न्यायिक अधिकारियों ने स्वेच्छा से भी योगदान दिया है।ऐसे में जो कार्मिक इस वैश्विक महामारी के युद्ध में योद्धा बनकर हमारी रक्षा कर रहे हैं।उनके वेतन व भत्तों में से कटौती कहां तक उचित है?जिस समय ये कटौती का निर्णय लिया गया था उसी समय इन कार्मिकों के मुखिया को विरोध करना चाहिए था।शिष्टाचार अपनी जगह है।सम्मान अपनी जगह है।यहां मैं कोरोना योद्धा उन्हीं को मानता हूं जो डायरेक्ट फाइट कर रहे हैं।जैसे चिकित्सा कर्मी हैं,पुकिसकर्मी हैं।सर्वे करने वाले शिक्षक व अन्य कार्मिक हैं।और भी होंगे।इन हालातों में जो लोग अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा कर रहे हैं।एक तरफ आप ताली और थाली बजवाकर उनका सम्मान और हौसला अफजाई करवा रहे हो।एक तरफ आप उन्हें कोरोना वॉरियर्स का नाम देकर सम्मान दे रहे हो।दूसरी तरफ उनके अल्प वेतन से भी कटौतियां कर रहे हो।अल्प वेतन इसलिए कहूंगा क्योंकि जितना काम ये पुलिस और चिकित्सक रूटीन में करते हैं उसके मुकाबले वैसे भी इनको बहुत कम वेतन दिया जाता है।हांलाकि यहां इस सब्जेक्ट पर डिसकस करने से कोई फायदा नहीं।लेकिन देखने वाली ये बात जरूर है कि इन कार्मिकों के वेतन व भत्तों की कटौती बिल्कुल भी उचित नहीं है।मैं आपके इस एक्ट की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।आपको तो बल्कि इनकी हौसला अफजाई करने के लिए पैकेज देना चाहिए।खाली ताली और थाली बजाने से पेट नहीं भरेगा सर। *कहते हैं न्याय होना ही नहीं चाहिए, दिखना भी चाहिए।यहां आपकी कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई दे रहा है।जो कार्मिक इस युद्ध में लगे हुए हैं।उनके परिवार को क्या दिया आपने?आधा वेतन? एक तरफ आप आर्थिक स्थिति खराब की दुहाई दे रहे हो दूसरी तरफ इन्हीं हालातों में सांसदों के वेतन भत्ते बढ़ाने के आदेश जारी करवा रहे हो* *खैर आप कानून बनाने वाले हो।कुछ भी कर सकते हो।आपको जो करना है करो।लेकिन इन कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय मत करो साहब।ये सच्चे देशभक्त हैं इनको देशभक्ति का तोहफ़ा भले ही मत दो।लेकिन कम से कम इन्हें कोरोना योद्धा, कोरोना वॉरियर्स कह कह के इमोशनल ब्लैकमेल तो मत करो।* ये बेचारे इन हालातों में क्या कहेंगे आपको?और कौन सुन रहा है इनकी?लेकिन मैं इसलिए निवेदन कर रहा हूं क्योंकि इनकी तकलीफ,इनकी बेबसी,इनका शोषण जो हो रहा है, वो सब जनता देख रही है।और ये आवाज आवाम की है, जनता की है।जो धीरे धीरे विरोध की और बढ़ रही है।जनता इनका सम्मान कर रही है।तो इनके साथ हुए सौतेले व्यवहार को कैसे सहन कर सकती है।आपका आदेश तो कई दिनों पहले का है।लेकिन अब धीरे धीरे इसका विरोध हो रहा है और जब आपने सांसदों के भत्ते बढ़ाने का आदेश जारी किया तो उसने इस विरोध को आग में घी लगाने का काम किया है।माननीय प्रधानमंत्री जी व प्रदेश के मुख्यमंत्री जी इन योद्धाओं के साथ न्याय करो मेरा आपसे यही विनम्र निवेदन है….💐💐💐

*डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार।9413300227*

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