(एक रोचक प्रस्तुति )
तेरे को महाकाल के मानस पुत्र का दर्जा देंगे, चूंकि आप महाराज कुछ कुछ धतूरे जैसा दिखते हैं , इसलिए आपको शिवशंकर जी से जोड़ देंगे, और आपको भी धतूरा चढ़ाएंगे।
सीताफल आपके नाम का पेटेंट फल होगा..आपको कटहल का साबूत फल भी चढ़ाया जाएगा, भंडारे में उसी की सब्जी का भोग लगेगा, हम जानते हैं महाराज कि आप अल्कोहल से बहुत चिढ़ते हैं, इसलिए किसी भी हालत में मदिरापान किए व्यक्ति को आपके धाम के पास से गुजरने की इजाज़त नहीं होगी।
आपके नाम से कोरोनी अमावस्या होगी, ईसाई आपको फादर कॉरोना कहेंगे, मुस्लिम भाई आपको हज़रत वुहान शाह के नाम से जानेंगे, मरकज वाले आपके ताजिये निकाल कर आपके नाम पर खुद को मारेंगे।
अब और कुछ हो तो आप बता दो कि आपके मान सम्मान में, designation में कुछ और add करना हो तो!
बाकी प्रभु हम सब पर दया करो।
हां, आपके नाम की अच्छी सी आरती भी बनाएंगे, कव्वाली अलग बनेंगी, भजन बनेंगे, मतलब भगवान आप टाइप फुलटाईम पूजे जाओगे। बस थोड़ा अपना कोप कम करके अपनी सवारी चमगादड़ नाथ पर सवार होकर अपने घर, आस्ताने वुहानेश्वर धाम, चीन को गमन करो और वहां से स्थान न बदलना…! अपने लैब में आराम करो।।
*बस बहुत हो गया*
*त्राहि माम् त्राहि माम् ,
दया निधान भारत भूमि
पर दया करो हे कोरोना जी*
प्रस्तुति सौजन्य –
*बी एल सामरा नीलम*
पूर्व प्रबन्ध सम्पादक
कल्पतरू हिन्दी साप्ताहिकएवं मगरे की आवाज पाक्षिक पत्र