उदयपुर। मेवाड़ मीडिया रिसोर्स सेंटर व विविधा महिला लेखन एवं संदर्भ केंद्र जयपुर के द्वारा ऑनलाइन आयोजित किये जा रहे 5 दिवसीय ग्रामीण पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के आज पहले दिन राज्यभर से 100 से अधिक सहभागियों ने जूम एप्प से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मेवाड़ मीडिया रिसोर्स सेंटर के लखन सालaवी ने प्रशिक्षण का उद्देश्य बताते हुए कहा कि गांवों के कई मुद्दों की मीडिया पैरवी की जरूरत होती है, इसके लिए जरूरी है कि गांवों से ही ऐसी प्रतिभायें तैयार हो जो अपने क्षेत्र में रहकर ही मीडिया में जनपैरवी का काम कर सकें। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें ग्रामीण पत्रकारिता की समझ हो।
शून्यकाल डॉटकॉम के संपादक और दलित चिंतक भंवर मेघवंशी ने भारत का संविधान और पत्रकारिता विषय पर जानकारी देते कहा कि संविधान में देश के सभी नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार दिया है। यह अधिकार किसी का भी विशेषाधिकार नहीं है बल्कि सबके लिए है। इसके बावजूद भी राज्य में व्यवस्था और पब्लिक ऑर्डर के लिए यह अधिकार सीमित हो जाता है। उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 153 ए के तहत किसी वंश, जाति व स्थान के आधार पर वैमनस्य फैलाना अपराध है। वही धारा 153 बी के अंतर्गत राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना अपराध है। उन्होंने कहा कि 295 ए के तहत किसी भी वर्ग व धर्म का अपमान करने को दंडनीय माना जाता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को ये अधिकार है कि वह अपनी अभिव्यक्ति के अधिकार का पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ इस्तेमाल करे। उन्होंने पत्रकारिता से जुड़े कानूनी पक्षों की भी जानकारी दी।
हाड़ौती मीडिया रिसोर्स सेंटर के फिरोज़ खान ने खबर किनसे और कहां-कहां मिलती है, के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खबर को पहचानने के लिए एक खास तरह की जागरूकता हमें अपने आप में पैदा करनी होगी। हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसा होता है जो हमारी खबर का हिस्सा बन सकता है, बस जरूरत है हमारी सोच और नजरिये की कि हम उसे कैसे देखते हैं।
विविधा महिला आलेखन एवं संदर्भ केंद्र के मीडिया समन्वयक बाबू लाल नागा ने खबर क्या है और प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रेस विज्ञप्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर खबर से तात्पर्य संदेश देने से होता है। खबर वो ही है जिसका जुड़ाव समाज से हो, वह पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करे, उसमें रोचकता हो, ऐसी सूचना हो जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की रुचि हो और जिसका समाज के बड़े हिस्से पर असर पड़ता हो।
उल्लेखनीय है कि गांवों के युवाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे लाने व पत्रकारिता के माध्यम से गांव के लोग गांव के मुद्दों की मीडिया पैरवी कर सके, इस उद्देश्य से पहली बार ऑनलाइन ग्रामीण पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह 15 मई तक आयोजित किया जाएगा जिसमें रोजाना 1 घंटे की क्लास आयोजित की जा रही है। प्रशिक्षण में राजस्थान के अलग-अलग जगह से अनुभवी पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता के गुर सिखाये जा रहे है।