शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार संगठन के अध्यक्ष विजय जैन ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को जेएलएन के प्रिंसिपल डॉ वी बी सिंह के विरुद्ध एक विस्तृत आरोप पत्र भेज कर कहा कि लगभग 55 दिनों से जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों यथा-हृदय रोग, ऑर्थोपेडिक्स रोग, बाल एवं शिशु रोग, मधुमेह, पक्षाघात, शल्य चिकित्सा, न्यूरो रोग इत्यादि की आउटडोर व्यवस्था को बंद कर रखा है। जिसके परिणाम स्वरूप कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की मृत्यु दर में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से निरंतर निवेदन किया जा रहा है, किंतु उनके द्वारा अन्य बीमारियों की आउटडोर व्यवस्था को बहाल करने में कोई रुचि नहीं ली जा रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आने के उपरांत भी संपूर्ण जेएलएन चिकित्सालय गंदगी की चपेट में हैं। यहां तक कि जहां पर कोरोना पॉजिटिव रोगियों को भर्ती किया जा रहा है उस वार्ड में भी गंदगी का साम्राज्य चल रहा है तथा ऐसे मरीजों की मूलभूत आवश्यकताओं जैसे हाथ धोने हेतु सैनिटाइजर इत्यादि की कोई समुचित व्यवस्था भी प्रधानाचार्य द्वारा नहीं करवाई गई है। यही कारण है कि आए दिन भर्ती कोरोना मरीजों और मेडिकल स्टाफ में कहासुनी एवं झड़पें होती रहती हैं। इस और बारंबार प्रधानाचार्य महोदय का ध्यान आकर्षित करवाया जाता रहा है किंतु उनके द्वारा इन तथ्यों की निरंतर अनदेखी की जा रही है।
जेएलएन प्रिंसिपल पर आरोप है कि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण अजमेर जिले के मरीजों के अतिरिक्त नागौर, भीलवाड़ा टोंक के रेफरल मरीज भी जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में ही इलाज हेतु आते हैं। ऐसे रेफर मरीजों के इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों जैसे न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, नेफ्रोलॉजिस्ट की अति आवश्यकता होती है। यद्यपि सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की इस अस्पताल में प्रारंभ से ही कमी रही है। तथापि राज्य सरकार द्वारा जब जब ऐसे सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों का यहां पद स्थापन किया जाता है, तो उनकी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे रहने के लिए सरकारी आवास उपलब्ध करवाए जाने की ओर अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ऐसे डॉक्टरों की अजमेर में अपनी सेवाएं देने की फिर कोई रुचि नहीं रहती है। इस ओर भी प्रधानाचार्य महोदय का निरंतर ध्यान आकर्षित करवाया जाता रहा किंतु उनके उदासीन रवैया का परिणाम अजमेर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस ने पत्र में कहा कि राजस्थान सरकार की निशुल्क दवा योजना जैसी फ्लैगशिप योजना के प्रति भी प्रधानाचार्य के द्वारा उदासीनता बढ़ता जाना आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य है। इस अस्पताल में निशुल्क मिलने वाली दवाओं का अधिकांशतः अभाव रहता है। जिसके कारण गरीब जनता को बाहर से वित्तीय कीमत अदा कर मजबूरन दवाई खरीदनी पड़ती हैं। जेएलएन अस्पताल में कैथ लैब, एनजीओ ग्राफी मशीन, एम आर आई मशीन, एक्स-रे मशीनों का लंबे समय तक खराब रहना अब अजमेर की जनता के लिए एक आम बात हो चुकी है। प्रधानाचार्य द्वारा इस और भी कोई ध्यान नहीं दिया जाना उनकी राजकार्य में अरुचि को दर्शाता है।
अस्पताल प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ते हुए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूर्व में भी जेएलएन अस्पताल में हुए विभिन्न ठेको मे भी वित्तीय अनियमितताएं होती रही हैं जिनकी विस्तृत जांच करवाया जाना अपेक्षित है। प्रधानाचार्य के असंवेदनशील रवैया के परिणाम स्वरूप आए दिन नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सकों, गरीबों के परिजनों के साथ टकराव की स्थितियां उत्पन्न होती रहती हैं। जिसके कारण अस्पताल में अव्यवस्थाएं और बढ़ जाती हैं। कर्मचारियों एवं डॉक्टरों तथा नर्सिंग स्टाफ में भी प्रधानाचार्य की कार्यशैली को लेकर असंतोष व्याप्त है।