कल शाम सूचना प्राप्त हुई कि जोधपुर शहर की तरफ से टिड्डीयो का बड़ा दल एवं नागौर की तरफ से एक दल का अजमेर में प्रवेष हो सकता है। कृषि विभाग द्वारा गठित सर्वे दल के द्वारा सतत निगरानी रखते हुए पाया गया कि शाम 4 बजे के आस पास से टिडडी दल अजमेर जिले मे पुष्कर की तरफ से प्रवेष कर तिलोरा, डूंगरिया खूर्द, कड़ैल आसनकुण्डिया, होकरा, माकड़वाली,गगवाना, गेगल,रामनेर ढाणी, मगरा, होते हुए अंतिम पड़ाव चीताखेड़ा में हुआ।
रात्रि 9 बजे अंतिम रूप से चिताखेडा में टिडडी दल के पड़ाव की व आसनकुण्डिया, होकरा की पहाडियों में छितराया हुए दल की सूचना प्राप्त हुई। नियंत्रण दलों को तुरन्त इन क्षेत्रों में भेजा गया हैं तत्पष्चात विभाग द्वारा रणनीति बनाई गई और दिनांक 11 व 12 मई 2020 को पुष्कर के अनुभव के आधार पर रणनीति को परिष्कृत किया गया। पूर्व के दिनों मंे टिड्डी नियंत्रण हेतु छिडकाव प्रातः 4-5 बजे के मध्य प्रारम्भ किया जाकर सूर्योदय के एक घण्टे पष्चात किया जा रहा था। जिससे यह महसूस किया गया कि टिड्डीयो पर छिड़काव के माध्यम से नियंत्रण अवधि कम रहती हैं अतः प्रभावी नियंत्रण करने के लिए यह तय किया गया कि टिड्डीयो पर अर्धरात्रि से ही छिड़काव प्रारम्भ कर दिया जाये चूकि रात्रि में अंधेरा रहता है। अतः किसान टोर्च, वाहनों, टेªक्टरों की लाईटों का प्रयोग करते हुए प्रातः 2.15 बजे 5 फायर ब्रिगेड, 15 टेªक्टर माउंटेड स्प्रेयर, तथा टिड्डी चेतावनी संगठन के 10 वाहनो के माध्यम से 184 लीटर कीटनाषी दवा का छिड़काव किया गया। चंूकि टिड्डीया रात्रि में उड़ान नहीं भरती हैं अतः विपरित परिस्थितियों में विभाग की टीम ने सामंजस्य से प्रातः 5 बजे तक टिड्डीयो कि बहुत बड़ी संख्या को मार गिराने में सफलता प्राप्त की। इस प्रकार कृषि विभाग की टीम एवं टिड्डी चेतावनी संगठन की टीम के द्वारा टिड्डीयो की 70 प्रतिषत संख्या को मार गिराया। टिड्डी निंयत्रण कार्य में सरपंच खातोली श्री हरिराम बाना एवं ग्रामीणों का भरपूर सहयोग रहा।
प्रातः 3 बजे माननीय सांसद महोदय श्री भागीरथ जी चौधरी ने संबंधित ग्राम चीताखेड़ा का रात को ही मौके पर पहुंच कर किये जा रहे कार्यो की जानकारी उपनिदेषक कृषि से प्राप्त की एवं क्षैत्र में भ्रमण कर किये गये किटनाषी का छिड़काव के प्रभाव से मरी हुई टिड्डीयो को देखा। उन्होने विभाग के प्रयासो की सराहना की एवं आवष्यकता जताई की इतनी बड़ी तादाद की टिड्डीयो पर हेलिकॉप्टर के माध्यम से कीटनाषी का छिड़काव किया जाना अति आवष्यक है, तभी इनका संपूर्ण नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होने इस संबध में कृषि मंत्री भारत सरकार से वार्ता कर आवष्यक सहयोग दिलवाने का आष्वासन दिया।
उपखण्ड अधिकारी किषनगढ श्री देवेन्द्र कुमार, तहसीलदार श्री मोहनसिंह राजावत, क्षैत्रीय पटवारी, विकास अधिकारी सिलोरा श्री रामावतार यादव और कृषि विभाग के उपनिदेषक श्री वी.के. शर्मा, सहायक निदेषक अजमेर श्री कैलाष चन्द मेघवंषी, कृषि अधिकारी श्री दिनेषचन्द्र, श्री दिनेष झा, श्री सतीष चौहान व क्षेत्र के सहायक अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक तथा स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा।
चीताखेड़ा जल ग्रहण क्षैत्र में प्रभावी नियंत्रण के कारण धरती पर मृत टिड्डीयो का कालीन सा बिछ गया। प्रातः ग्रामिणों ने इतनी बड़ी संख्या में मरी हुई टिड्डीयो को देखकर आष्चर्य किया। और विभाग द्वारा किये गये कार्यो पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
टिड्डी दल सूर्योदय के साथ उडना प्रारम्भ करता है एवं सूर्योस्त के समय एक स्थान पर बैठे जाता हैं। जिले के कृषको से आहवान किया जाता है कि सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण में योगदान दें। टिड्डी नियंत्रण के लिये क्लोरफायरीफास 20 प्रतिषत ई.सी. 1200 एम.एल. अथवा डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिषत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिडकाव किया जा सकता हैं।
(वी.के. शर्मा)
उपनिदेषक कृषि (विस्तार)
जिला परिषद् अजमेर