जन्म से मूक-बधिर मासूम का किया काॅकलीयर इम्प्लांट

कोविड-19 के दौर में मित्तल हाॅस्पिटल में हुई बड़ी और जटिल सर्जरी
ईएनटी स्पेशियलिस्ट डाॅ रचना जैन ने सर्जरी के लिए खुद जुटाया जनसहयोग, निभाया सामाजिक सरोकार

अजमेर, 8 सितम्बर( )। अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल की कान- नाक- गला रोग विशेषज्ञ डाॅ रचना जैन ने जन्मजात मूक-बधिर तीन साल की काव्या नामक मासूम बच्ची का बड़ा और जटिल आॅपरेशन कर उसके काॅकलीयर इम्प्लांट लगाया। इस सर्जरी के बाद काव्या कुछ समय में सुनने व बोलने लगेगी और सामान्य बच्चियों की तरह पढ़- लिख सकेगी।
यहां महत्वपूर्ण बात है कि नागौर जिले के भकरी गांव की एक ढाणी में रहने वाले उसके माता- पिता हेमी व पुनीत को जब पहली बार यह खबर हुई कि उनकी बच्ची जन्म से ही सुनने व बोलने में लाचार है तो उनकी रातों की नींद हराम हो गई। बच्ची की माॅ हेमी जाटोलिया ने बताया कि पेशे से शू- मेकर पुनीत ने जी तोड़ मेहनत की और अपना पेट काट कर उसके उपचार के लिए रुपया जमा करना शुरू कर दिया।
बकौल पुनीत हिम्मत जुटाकर वह मुम्बई के एक बड़े अस्पताल जा पहुंचा जहां बच्ची को दिखाने पर उसे बताया गया कि उसकी बच्ची सामान्य बच्चों की तरह सुनने व बोलने लगेगी किन्तु इसके लिए उसे एक सर्जरी (काॅकलीयर इम्प्लांट) कराना जरूरी होगा। इसका खर्च भी काफी अधिक होगा। पुनीत को यह भी कहा गया कि यह सर्जरी बच्ची के पांच साल की होने से पहले ही कराएंगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। वे अपनी आंखों में बच्ची को बोलते हुए देखने का सपना लिए लौट तो आया किन्तु आते ही कोविड-19 के बुरे हालात में घिर गया। धंघा पानी तो छूटा ही, जमा पूंजी भी खत्म होने लगी। ईश्वर की ही कोई मर्जी रही होगी कि उन्हें किसी की सलाह ने मित्तल हाॅस्पिटल की कान- नाक-गला रोग विशेषज्ञ डाॅ रचना जैन से मिलवा दिया।
डाॅ रचना जैन बताती हैं कि मासूम बच्ची काव्या से वे जब मिली तो उसके मुख पर मुस्कान इतनी दिलकश थी कि उनका मन भर आया। उन्होंने बच्ची को चिकित्सा उपचार की दृष्टि से अच्छी तरह जांचने के बाद निर्णय किया कि उसकी सर्जरी पर होने वाला खर्च भी सामाजिक सरोकार के तहत वे स्वयं ही जनसहयोग से जुटाएंगी और सर्जरी भी स्वयं करेंगी। यहां आपकों बता दें कि डाॅ रचना जैन ने काॅकलीयर इम्प्लांट आॅपरेशन का प्रशिक्षण स्पेन और फ्रांस में अर्जित किया है।
डाॅ रचना जैन ने बताया कि बच्ची काव्या के पिता ने उन्हें अपने पास की जमापूंजी से पहला एक लाख रुपया बच्ची के उपचार के लिए निकाल कर दिया तो अगले दस दिनों में ही उनके मित्रों, शुभचिंतकों व स्वयं सेवी संगठन व मित्तल हॉस्पिटल प्रबंधन ने शेष करीब 7 से 8 लाख रुपए की राशि एकत्र कर दी। डाॅ रचना जैन ने स्वयं ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि गत रविवार मित्तल हाॅस्पिटल में काव्या का काॅकलीयर इम्प्लांट सफलता पूर्वक कर दिया गया। मंगलवार को उसे हाॅस्पिटल से हंसते खेलते हुए छुट्टी भी दे दी गई। उन्होंने साधारण भाषा में बताया कि इस आॅपरेशन में कान के पीछे से सर्जरी करके हड्डी में मशीन फिट की जाती है और ऊपर से रिसीवर पहनने होते हैं। बच्ची को बाद में स्पीच थैरेपी के जरिए बोलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा यह थैरेपी थोड़े दिनों बाद से शुरू होगी और बच्ची के अच्छे से बोलने तक चलेगी। इस प्रक्रिया में एक से दो साल का समय लगना संभव है।
डाॅ रचना जैन ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल प्रबंधन सहित समूची टीम जिसमें एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ राजीव पाण्डे, रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ गरिमा व डाॅ रमाकांत, चाइल्ड स्पेशियलिस्ट डाॅ प्रशांत माथुर, स्पीच थैरेपिस्ट पुष्प रंजन, ओटी व पीजीडब्ल्यु नर्सिंग स्टाफ के भगवान, ओम प्रकाश, युसूफ, अशोक बेनिवाल आदि का अतुलनीय सहयोग रहा।
निदेशक डाॅ दिलीप मित्तल ने डाॅ रचना जैन सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित ही इस तरह के आॅपरेशन दक्ष व अनुभवी टीम से ही संभव हो पाते हैं। मित्तल हाॅस्पिटल विगत 15 सालों से दक्ष व अनुभवी चिकित्सकों व अत्याधुनिक एवं उन्नत तकनीकी संसाधनों के बूते संभागवासियों को सभी तरह की सुपरस्पेशियलिटी एवं अन्य भरोसेमंद चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है।

सन्तोष गुप्ता
जनसम्पर्क प्रबंधक

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