जैसलमेर जैसलमेर में एक युवक को पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील और
हस्ताक्षर से चरित्र प्रमाण पत्र बनाने वाले को गिरफ्तार किया ,प्रारंभिक
पूछताछ के बाद आरोपी के सह षड्यंत्रकारी टाइपिस्ट अशोक खत्री ,और फर्जी
सील बनाने वाला गोल्डन स्टेशनर्स के इरफ़ान खा को गिरफ्तार किया हैं
एक दलाल ने 25 हजार रुपए लेकर पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील और हस्ताक्षर
कर चरित्र प्रमाण पत्र बना दिया। एक ही दिन कागजात के वेरिफिकेशन हाे
जाने पर एसडीएम काे संदेह हुआ और जब पड़ताल कराई गई ताे इस फर्जीवाड़े का
खुलासा हुआ। इस पर स्थानीय कोर्ट परिसर में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए
एक दलाल को गिरफ्तार किया।उसके पास से पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील व कई
कागजात पर फर्जी हस्ताक्षर मिले। दलाल शंभूसिंह पुत्र भंवरसिंह निवासी
चौक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व 120 बी आईपीसी
के तहत मामला दर्ज कर लिया। बुधवार को हिमाचल प्रदेश से कुछ लोग जैसलमेर
आए थे। इन लाेगाें काे जैसलमेर में मुरब्बे आवंटित हो रखे हैं।यहां आने
पर उन्हें जानकारी मिली कि उन्हें पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापित
करवाना होगा। वे पूछताछ करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे तो उन्हें
शंभूसिंह वहां मिला। उसने बताया कि 25 हजार रुपए में सब कुछ करवा देगा।
उन्होंने कागजात शंभूसिंह को सौंप दिए। शंभूसिंह ने उनके कागजात पर
पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील लगाकर फर्जी हस्ताक्षर करके कुछ ही घंटों में
सत्यापन कर दिया।
एक ही दिन में सत्यापन पर एसडीएम को संदेह, पड़ताल में फर्जीवाड़े का खुलासा
जब ये कागजात एसडीएम अशोक कुमार के पास पहुंचे तो उन्हें इस आधार पर
संदेह हुआ कि एक ही दिन में सत्यापन कैसे हो गया। इस पर उन्होंने
अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा से फोन पर बातचीत की और डिस्पैच
रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि पुलिस अधीक्षक ऑफिस में इस तरह का कोई
आवेदन ही नहीं आया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शंभूसिंह को
गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से पुलिस अधीक्षक की फर्जी सील भी बरामद कर
ली।
ऑनलाइन आवेदन करने पर सत्यापन होने में चार से पांच दिन लगते हैं
जानकारी के अनुसार पोंग डेम से प्रभावित लोगों को जैसलमेर में मुरब्बे
आवंटित हो रखे हैं। अन्य कई बाहरी लोग भी जैसलमेर में जमीन खरीदने के लिए
आते हैं। आम तौर पर वेरिफिकेशन का आवेदन स्थानीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय
में पहुंचता है और फिर वहां से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत व्यक्ति जहां का
रहने वाला है वहां पर फाइल जाती है। वहां से वेरिफिकेशन होने के बाद
स्थानीय पुलिस अधीक्षक की सील व हस्ताक्षर किए जाते हैं। इस प्रक्रिया
में आम तौर पर 4 से 5 दिन लगते हैं।
गिरफ्तारी के बाद कई फर्जी मामलों का हो सकता है खुलासा
शहर कोतवाल बलवंतराम गोठवाल ने बताया कि आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ के
बाद उसके सहयोगी टाइप राइटर अशोक खत्री ,और फर्जी सील बनाने वाला गोल्डन
स्टेशनर्स के इरफान खांन को गिरफ्तार हैं ,आज उन्हें न्यायलय में पेश
किया जायेगा ,रिमांड मांगेंगे
chandan singh bhati
7597450029