चिकित्सा विभाग की जारी सूची से नही मिली नसीराबाद को राहत

अस्पताल में फिजिशियन ,नेत्र रोग चिकित्सक, हड्डी रोग विशेषज्ञ की थी दरकार
गत दिनों चिकित्सा मंत्री ने फिजिशियन सहित खाली पड़े चिकित्सको के पद भरने का दिया था आश्वासन
अस्पताल में दो सर्जन होने के बावजूद फिर लगाया एक सर्जन व एक एम बी बी एस
नाक कान गला रोग विशेषज्ञ का भी किया तबादला
पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री से अस्पताल में चिकित्सको की लापरवाही के कारण गत दिनों हुई मौत के मामलो की जांच करा दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ की कार्यवाही की मांग

अशोक लोढ़ा
नसीराबाद (अशोक लोढ़ा) कस्बे वासीयो को गत दिनों चिकित्सा मंत्री के नसीराबाद दौरे से उम्मीद बंधी थी कि अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओ से राहत मिलेगी व अस्पताल में खाली पड़े पद फिजिशियन, नेत्र रोग विशेषज्ञ ,हड्डी रोग सहित अन्य पद भरने के साथ एक रोगी वाहन देना का भी आशवासन चिकित्सा मंत्री ने दिया था व चिकित्सा प्रभारी को अस्पताल की अव्यवस्थाओ पर नाराजगी जताते हुए व्यवस्था सुधारने के कड़े निर्देश दिये थे .

किन्तु कस्बे वासीयो की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब चिकित्सा विभाग द्वारा शनिवार को चिकित्सको की जारी तबादला सूचीयो से राहत नही मिली

चिकित्सा विभाग द्वारा जारी सूचियो में नसीराबाद अस्पताल में एक सर्जन व एम बी बी एस चिकित्सक लगाये गये व यहां पर पद स्थापित नाक कान गला रोग विशेषज्ञ का भी तबादला कर दिया गया

जबकि अस्पताल में दो सर्जन पहले से पदस्थापित है व तीन निश्चेतन विशेषज्ञ पदस्थापित होने के बावजूद अस्पताल में सालों से ऑपरेशन नही हुए

मरीज को अस्पताल पहुचने के साथ ही प्राथमिक उपचार दिये बिना अजमेर रेफर कर दिया जाता है ,जिसके कारण कई मरीज रास्ते मे दम तोड़ चुके है

नसीराबाद अस्पताल में फिजिशियन ,नेत्र रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित महिला रोग विशेषज्ञ की दरकार है किन्तु उसके बावजूद यहाँ पर सर्जन लगा देना कहा उचित है.

नाक कान गला रोग विशेषज्ञ का तबादला हो जाने से ये पद भी खाली हो जाने से चिकित्सा क्षेत्र में कस्बेवासीयो की समस्या में इजाफा हो जाने से चिकित्सा विभाग के खिलाफ कस्बेवासीयो में भारी रोष व्याप्त है

गत दिनों अस्पताल में चिकित्सको की लापरवाही के कारण कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार अतुल सेठी व पलसानिया रोड निवासी राजकुमार जैन की मौत हो गई थी ,

ज्ञात रहे पत्रकार अतुल सेठी के मौत के मामले में प्रदेश में कई स्थानों से पत्रकारो व जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) व आई एफ़ डब्लू जे पत्रकार संघटनो के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री से निष्पक्ष जांच कर दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही मांग की थीं तत्पश्चात चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा नसीराबाद आये किंतु अस्पताल में चिकित्सको से मिलकर रवाना हो गये उन्होंने दिवंगत पत्रकार अतुल सेठी के घर जाकर उनके परिजनों से मिलना भी मुनासिब नही समझा व आज तक उक्त मामले कोई ठोस कार्यवाही नही होने से प्रदेश सहित जिले व क्षेत्र के पत्रकारों में भारी रोष व्यापत है कि आखिर पत्रकार के मामले को क्यों दबाया जा रहा है जबकि चिकित्सा मंत्री के दौरे के बावजूद भी स्थानीय चिकित्सलय में कोई सुधार नही हुआ वरन उनके दौरे के बाद चिकित्सको की लापरवाही के कारण कस्बे के राजकुमार जैन की ओर मौत हो गई जिससे दिगम्बर जैन समाज ने रोष जताते हुए मुख्यमंत्री को उपखंड अधिकारी राकेश गुप्ता के जरिये ज्ञापन प्रेषित कर पत्रकार अतुल सेठी व राजकुमार जैन के ईलाज में लापरवाही बरतने वाले दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी.

कस्बे के जैन समाज के पत्रकार अतुल सेठी व राजकुमार जैन की चिकित्सको की लापरवाही के कारण मौत के मामले में दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को प्रेषित पत्र में बताया कि चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही के कारण गत 20 सितम्बर को अस्पताल में आक्सीजन नही मिलने से पत्रकार अतुल सेठी व 5 अक्टूबर को जैन समाज के राजकुमार जैन का वी पी हाई व ऑक्सीजन लेबल कम होने के बावजूद बिना प्राथमिक उपचार दिये अजमेर रेफर कर दिये जाने से रास्ते मे मौत हो गई

पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच करा दोषी चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की

ज्ञात रहे करीब तीन साल से कोटा मार्ग स्थित नेत्र विभाग भी बंद होने से मरीजो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है .

ज्ञात रहे कि गत जुलाई 2019 में बंद पड़े नेत्र विभाग में पड़ी फेको मशीन सहित करीब 25 लाख के उपकरण चोरी हो गये थे जिसकी उस समय पदस्थापित पूर्व चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर नारायण सिंह भाटी ने चोरी की सिटी थाना में रिपार्ट भी दर्ज कराई थी.

किन्तु आज तक पुलिस ने मामले का पर्दाफाश नही किया ना ही चिकित्सा विभाग लाखो की चोरी के मामले को लेकर गंभीर नजर आया अन्यथा लाखों रुपये के उपकरण चोरी के मामले में विभागीय जाँच करानी चाहिये थी आखिर क्यों बन्द पड़े नेत्र अस्पताल में चिकित्सा प्रबंधन ने लाखो रुपये के उपकरण रख रखे थे तो फिर उनकी सुरक्षा के लिये क्या चौकीदार तैनात कर रखा था .

सूत्रों की माने तो अगर लाखो रूपये के उपकरण चोरी के मामले की निष्पक्षता से विभागीय जांच होती तो कईयो पर गाज गिर सकती थी जिसके चलते मामले को दबा दिया गया.

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