-कोविड प्रबंधन व विकास कार्यों के संबंध में हुई बैठक में शासन-प्रशासन पर गरजे देवनानी
-पीएम केयर फंड से कुल कितने वेंटीलेटर मिले, कतने वर्किंग में हैं, कितने खराब पड़े हैं और कितने का उपयोग नहीं किया
-सीएमएचओ स्तर पर कंसेंटेªटर व अन्य चिकित्सा उपकरण खरीदने की निष्पक्ष एजेंसी से हो जांच
-ड्रेनेज सिस्टम सुधारे बिना स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च करने का कोई औचित्य नहीं

देवनानी शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया की अध्यक्षता में रीट कार्यालय में कोविड प्रबंधन एवं विकास कार्यों के संबंध में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने यह पूछा कि प्रधानमंत्री केयर फंड से कुल कितने वेंटीलेटर कब-कब आए, इनमें से कितने वर्किंग में हैं, कितने खराब पड़े हैं और कितने वेंटीलेटर का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि असल में सरकार ने प्रधानमंत्री केयर फंड से मिले अधिकांश वेंटीलेटरों का उपयोग महज इसलिए नहीं किया कि उन पर प्रधानमंत्री केयर फंड का स्टीकर लगा हुआ था। इस पर प्रभारी मंत्री कटारिया ने भी देवनानी की बात से सहमति जताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएमओ) के स्तर पर बड़े पैमाने पर आॅक्सीजन कंसेंटेªटर व अन्य चिकित्सा उपकरणों की खरीद की गई है। इनमें से अनेक आॅक्सीजन कंसेंटेªटर विधायक फंड से स्वीकृत राशि से खरीदे गए हैं। जिले के तीन-चार विधायक इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि यह आॅक्सीजन कंसेंटेªटर ना केवल महंगे, बल्कि घटिया स्तर के खरीदे गए, जो मरीजों के लिए किसी उपयोग लायक नहीं हैं। सीएमएमओ द्वारा कोरोनाकाल में अब तक कंसेंटेªटर व अन्य उपकरण, सेनिटाइजर, मास्क आदि महंगे दामों पर खरीदे गए। इससे घोटाले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
डेªनेज सिस्टम सुधारे बिना स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता
देवनानी ने कहा कि शहर के डेªनेज सिस्टम को सुधारे बिना अजमेर स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता है। डेªनेज सिस्टम पूरी तरह गड़बड़ाया हुआ है। ऐसे में करोड़ों रूपए खर्च करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। डेªनेज सिस्टम सही नहीं होने के कारण सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आनासागर की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा
देवनानी ने कहा कि आनासागर की जमीन पर धीरे-धीरे मिट्टी डालकर भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है। पाथ-वे की जमीन को इन माफियाओं ने मिट्टी डालकर पाट दिया है। यह स्थिति आनासागर पुलिस चैकी के सामने माताजी के मंदिर मार्ग पर ईंट भट्टा क्षेत्र और जी-माॅल के पास तथा पुष्कर रोड पर देखी जा सकती है। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि आनासागर की सही स्थिति का गूगल मेप से पता लगाकर अवैध कब्जा करने वाले भू माफियाओं को नोटिस देने, अवैध कब्जे हटाने और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
पूरे शहर में सड़कें खोद डालीं
देवनानी ने कहा कि पूरे शहर में पानी की पाइप लाइन, सीवरेज लाइन, बिजली की लाइन और टेलीफोन की लाइनेें डालने के लिए सड़कें खोद दी गई हैं। जो सड़कें कुछ माह पहले डामरीकरण व सीसी से ठीक की गई थीं, उन्हें भी लाइनें डालने के नाम पर खोद दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी विभागों के बीच तालमेल का भारी अभाव है। सार्वजनिक निर्माण विभाग, अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम कभी इन विभागों से नहीं यह पूछता है कि फलां क्षेत्र में सड़क बनाई जानी है, यदि कोई लाइन डालनी हो तो सड़क बनने से पहले डाल लें। ना ही संबंधित विभाग सड़कों इन एजेंसियों को लाइनें डालने से पहले से सूचित करते हैं। लाइनें डालने के बाद जल्दी से सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जाती है। ऐसे में रोजाना काफी लोग दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। उन्होंने बरसात शुरू होने से पहले सभी सड़कों की मरम्मत कराने पर जोर दिया।
बिजली की ट्रिपिंग, पानी सप्लाई अनियमित
देवनानी ने कहा कि बिजली की ट्रिपिंग आम बात है। अजमेर विद्युत वितरण निगम और टाटा पाॅवर कंपनी बिजली व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं। जलदाय विभाग भी पूरी तरह नाकारा साबित हो रहा है। पानी सप्लाई का कोई समय निश्चित नहीं है। इन दिनों तो 72 से 96 घंटे के अंतराल से पानी की सप्लाई हो रही है। पानी सप्लाई का प्रेशर भी बहुत कम होता है, जिससे लोगों को जरूरत का पानी नहीं मिल पाता है। उन्होंने बिजली की ट्रिपिंग और पानी सप्लाई व्यवस्था में तत्काल सुधारने पर जोर दिया।
नया बाजार में बने पार्किंग स्थल
देवनानी ने कहा कि नया बाजार स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। वह जगह खाली पड़ी हुई है। यहां पार्किंग स्थल बन जाने से नया बाजार, पुरानी मंडी, चूड़ी बाजार, घी मंडी आदि बाजारों के व्यापारियों और खरीददारी करने के लिए आने वाले लोगों को अपने वाहन पार्क करने की सहूलियत मिल सकेगी।
आशा सहयोगिनियों को मिले बकाया मानदेय
देवनानी ने कहा कि आशा सहयोगिनियों को पिछले करीब छह माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए सभी आशा सहयोगिनियों को तत्काल छह माह का बकाया मानदेय दिया जाना चाहिए।