मै और मेरा मन भगवान का है, गुरू के आर्शीवाद से होता निर्मल – महंत स्वरूपदास

अजमेर, 23 जुलाई- मै और मेरा मन भगवान का है, गुरू के आर्शीवाद से मन निर्मल होता है। देश दुनिया में कोरानावयरस संक्रमण के कारण हो रही बीमारी से छुटकारा पाने की प्रार्थना के साथ गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी को बधाईयां देकर शुभाशीष दी। श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजयनगर के महन्त स्वरूपदास उदासीन ने पावन पर्व की शुरूआत अपने गुरूदेव की मूर्तियों व समाधियों पर महाअभिषेक, अर्चन वंदन से किया एवं इस अवसर पर आयोजित यज्ञ में पूर्ण आहूति देकर सभी के जीवन में मंगल कामना व देश विदेश में खुशहाली का आर्शीवाद दिया।पण्डित चन्द्र स्वरूप ने पूजा करवाई।
सन्त गौतमदास ने सेवाधारियों द्वारा चरण पादूका पूजन के साथ गुरू जी का पूजन का आर्शीवाद प्राप्त किया और देश विदेश में रह रहे श्रृद्धालुओं ने अपने अपने घर में ही मूर्ति के समक्ष पूजा अर्चना कर ऑनलाइन आर्शीवाद प्राप्त किया। संतो ने कहा कि परिवारों में अपने माता पिता के साथ सनातन संस्कारों को युवाओं तक पहुंचाने का आव्हान किया। सत्यनारायण भगवान की कथा आश्रम पर व सेवाधारियों ने अपने अपने निवास पर की। कलाकार अशोक सोनी व मण्डली ने भजन प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर लखमीचंद किशनाणी, गोपी भाई जनवाणी,रमेश कलयाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, शंकर सबनाणी, दीपक बालाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, घनश्याम आडवाणी, मोहन लालवाणी, खेमचन्द नारवाणी, राजेश किशनाणी, महेश टेकचंदाणी सहित श्रद्धालुओं ने आर्शीवाद प्राप्त किया।

सन्त गौतमदास
मो. 9636674979

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