प्रख्यात नाट्य लेखक व प्रशिक्षक उमेश कुमार चौरसिया द्वारा लिखित एवं निर्देशित ऑडियो प्रोग्राम ‘गोलू बंदर‘ को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् एनसीईआरटी द्वारा फाउण्डेशन लेवल स्वतंत्र फिल्मकार वर्ग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ ऑडियो का पुरस्कार प्रदान किया गया है। ‘25वें अखिल भारतीय बाल शैक्षिक श्रव्य-दृश्य महोत्सव 2021‘ के लिए नयी दिल्ली मुख्यालय से विविध पुरस्कारों के साथ यह घोषणा भी हुई। नाट्यवृंद फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत चौरसिया के इस पांच मिनिट के ऑडियो प्रोग्राम में नानी कुछ बच्चों को गोलू बंदर की कहानी सुनाती है, जिसमें काव्य और गीतात्मकता का रस लावण्य लिये कथानक में बच्चों को खेल-खेल में दस तक की गिनती में घटाने़ की प्रक्रिया समझ में आती है। द टर्निंग पाइंट पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ अनन्त भटनागर के सहयोग से निर्मित इस ऑडियो में नानी का आकर्षक स्वर वर्षा शर्मा चढ्ढा ने तथा बच्चों के स्वर राजवीर, लकी पासवानी, कृष्णा पारीक, पायल लालवानी, वर्षा चौधरी, करणी और योगिता सेन के हैं। संपादन का कुशल कार्य प्रसिद्ध आरजे अजय वर्मा ने किया है। उल्लेखनीय है कि उमेश कुमार चौरसिया दस से अधिक वर्षाें से एनसीईआरटी के साथ जुड़कर शिक्षा में नाट्यविधा के प्रयोग हेतु प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस महोत्सव में चौरसिया के एक अन्य ऑडियो ‘स्वस्थ जीवन‘ को भी नामांकित किया गया था। पूर्व में भी चौरसिया द्वारा निर्देशित-निर्मित दो ऑडियो ‘चीं चीं चिड़िया‘ और ‘गंगा की पुकार‘ को भी राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ ऑडियो के लिए पुरस्कृत किया गया है। सिविक सेंस पर निर्मित इनकी लघुफिल्में ‘भोजनावकाश‘, ‘सड़क पर‘ व ‘बूढ़ी काकी‘ भी बड़ी लोकप्रिय हुई हैं।
