अर्थव्यवस्था की सुस्ती और विकास दर कम रहने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में 4.8 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। आर्थिक थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी [सीएमआइई] ने यह उम्मीद जताई है। किसी एक साल में पूरी होने वाली परियोजनाओं का यह रिकॉर्ड होगा। पिछले वित्त वर्ष 2011-12 में 4.3 लाख करोड़ की परियोजनाओं का काम पूरा हुआ था।
सीएमआइई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च में कमी के बावजूद कई उद्योगों ने रिकॉर्ड या फिर क्षमता विस्तार की बड़ी योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाया है। यह सही है कि नए निवेश के प्रस्तावों में गिरावट आई है। पिछले दो वर्षो में कई परियोजनाओं का काम भी शुरू नहीं हो सका। कई मौजूदा परियोजनाएं तय समय से भटक चुकी हैं। फिर भी अग्रिम चरण वाली परियोजनाओं का काम बेहतर ढंग से हो रहा है। इससे अनुमान है कि मार्च 2013 तक 4.8 लाख करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। आर्थिक थिंक टैंक का कहना है कि 1.8 लाख करोड़ रुपये लागत की औद्योगिक व इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं इस वर्ष अप्रैल-नवंबर के बीच ही पूरी हो चुकी हैं। साथ ही अक्टूबर-नवंबर के दौरान 38,330 करोड़ की परियोजनाएं पूरी हुई हैं। इसके अलावा 3.8 लाख करोड़ की 1700 परियोजनाओं के मार्च 2013 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं का 75 फीसद तक काम समय से हो रहा है। सीएमआइई के मुताबिक इलेक्ट्रिसिटी, फर्टीलाइजर, पेंट्स, होटल व स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की परियोजनाएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।