नई दिल्ली, जनवरी, 2022: व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण ढांचे को और अधिक मजबूत करने के लिए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने आज इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण को उच्च शिक्षा के साथ जोड़ना है, जिससे भारत के युवाओं को बेहतर काम के अवसरों तक पहुंचाने के लिए अवसर सृजित करके रोजगार योग्य बनाया जा सके। राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई), औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों (पीएमकेके) और जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) से जुड़े प्रशिक्षुओं को अपवर्ड मोबिलिटी कार्यक्रम से लाभ प्राप्त होगा जिससे छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करके बेहतर आजिविक के अवसर प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
इस साझेदारी के अंतर्गत, 32 एनएसटीआई, 3,000 से अधिक सरकारी आईटीआई, 500 पीएमकेके और लगभग 300 जेएसएस को प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण केंद्रों, परीक्षा केंद्रों और कार्य केंद्रों के रूप में इग्नू से जोड़ा जाएगा। इस सहयोग के माध्यम से, छात्रों को अब इग्नू के तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी और समीक्षा करने के लिए एमएसडीई और इग्नू दोनों के प्रतिनिधियों के साथ एक परियोजना संचालन समिति होगी। समझौता ज्ञापन प्रारंभिक चरण में 10 वर्ष की अवधि के लिए आपसी समझौते पर नवीनीकरण के अधीन होगा। यह समझौता ज्ञापन सतत विकास लक्ष्य 4.4 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जिसमें 2035 तक व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50% तक बढ़ाना है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने इस पहल की सराहना की और अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “भारत का युवा जनसांख्यिकीय लाभांश इसकी आर्थिक प्रगति का इंजन है और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के साथ-साथ कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सार्थक मार्गों तक पहुंच की आवश्यकता है। यह पहल इस दिशा में लक्षित है क्योंकि यह हमारे युवाओं को आवश्यक योग्यताओं के साथ-साथ उच्च सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता प्रदान करती है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का विजन भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है और उन्हें भविष्य में वैश्विक कामकाजी वातावरण के लिए तैयार करना है और यह पहल इसी के अनुरूप है। एक प्रतिष्ठान के रूप में इग्नू ने एक समावेशी ज्ञान परिवेश बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया है और मुझे आशा है कि यह सहयोग भारत की युवा आबादी को अपनी क्षमताओं का निर्माण करने और उनके भविष्य को आकार देने का अवसर प्रदान करेगा। अपने प्रारंभिक चरण में, इस संयुक्त पहल को जल्द से जल्द 32 एनएसटीआई के साथ इग्नू केंद्रों के रूप में घोषित किया जाएगा, जिसमें विदेशी भाषा प्रशिक्षण, कौशल-आधारित स्वास्थ्य शिक्षा, फैशन डिजाइनिंग और बहुत कुछ शामिल हैं।
डॉ. बी.के.रे, निदेशक (सीबीसी), एमएसडीई और डॉ. वी.बी. नेगी, रजिस्ट्रार, इग्नू द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। प्रो. नागेश्वर राव, कुलपति, इग्नू ने कहा कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए इग्नू अपने 21 अध्ययन के विद्यालयों और 56 क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। इग्नू गुणवत्ता आश्वासन के लिए मानक विकसित करेगा, छात्रों के नामांकन की सुविधा के लिए परामर्श और प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करेगा, नामांकन और काउंसलिंग को संभालने के लिए चिन्हित केंद्रों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगा और एनएसटीआई, आईटीआई, पीएमकेके और जेएसएस के प्रबंधन का मार्गदर्शन करेगा। यह डिजिटल रूप में स्व-शिक्षण सामग्री (एसएलएम) भी प्रदान करेगा, व्यापक मूल्यांकन करेगा और अपने स्वयं के घटकों के लिए सत्रांत परीक्षा आयोजित करेगा और सफल शिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र जारी करेगा।
