नानेश नगर में नवग्रह आश्रम द्वारा कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन

हर्बल वाटिका तैयार करने की घोषणा
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी / भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा में स्थित श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान तथा दांता कपासन में आचार्यश्री नानेश समता विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में नानेशनगर में कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें नानेश ग्रुप आॅफ एज्यूकेशन व ज्ञान ज्योति सेवा सदन के विद्यार्थियों तथा आस पास के ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान नवग्रह आश्रम के सहयोग से ट्रस्ट परिसर में औषधीय पौधों की हर्बल वाटिका तैयार करने की भी घोषणा की गई।
ट्रस्ट के निदेशक जेएस फौजदार, ट्रस्टी आरसी लोढ़ा, रोलिया सरपंच रतन योगी, राहुल मेघवाल, टीआर मेघवाल की मौजूदगी में आयोजित इस कैंसर जागरूकता शिविर में मुख्य वक्ता के रूप् में श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी रहे। चोधरी ने दीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारंभ किया तथा बतौर मुख्य वक्ता के रूप् में कार्यक्रम को संबोधित किया।
मुख्य वक्ता हंसराज चोधरी ने शिविर में कैंसर के लक्षणों की पहचान, उपचार तथा कैंसर के प्रमुख कारणों के संबध में आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति व वानस्पतिक पद्वति द्वारा जानकारी दी गई।
चोधरी ने बताया कि कैंसर रोग में शरीर की कोशिकाओं के समूह में अनियंत्रित रूप से वृद्धि होती है जब ये कोशिकाएं टिशू को प्रभावित करती है तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर की जल्दी पहचान और उपचार से कैंसर से ठीक हो सकता है। कैंसर कई प्रकार होते हैं जैसे स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन कैंसर। कैंसर होने के कुछ कारक ऐसे होते हैं। जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है जैसे धूम्रपान, तंबाकू चबाना, मोटापा, शराब का उपयोग और शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना है। कैंसर के लक्षण की सही समय पर पहचान करना बेहद जरुरी है
मुख्य वक्ता हंसराज चोधरी ने कहा कि नवग्रह आश्रम में अनूठा औषधीय पौधों का संग्रहण है। विश्व की जलवायु में पाए जाने वाले 452 तरह के औषधीय पौधे संग्रहित हैं। इन पौधों पर वानस्पतिक नाम, हिंदी का नाम और इन पौधों का क्या उपयोग है के बारे में भी लिखा गया है. साथ ही इन औषधीय पौधों के साथ नौ ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र के पौधे भी लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नवग्रह आश्रम में औषधीय पौधों का अद्वितीय संग्रहण है, पूरे भारत में 452 तरह के पौधे यहां उपलब्ध है। सामान्यत व्यक्ति 50 पौधों का नाम ही जानता है, जबकि हम लगातार अनवरत सभी पौधों के नाम जानते हैं। अफगानिस्तान में पैदा होने वाला हिंग का पौधा यहा उपलब्ध है, साथ ही श्रीलंका में पैदा होने वाला नोवा, नार्थ इंडिया में बर्फ के मैदान में पैदा होने वाला ब्राह्मी सहित आस्ट्रेलिया के मोपेन सहित कई तरह के औषधीय पौधे यहां संग्रहित हैं। संपूर्ण विश्व की जलवायु में जो पौधे हैं वह पौधे यहां उपलब्ध हैं। यहां तक कि हिंदू धर्म के 9 ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र हैं, इनके पौधे भी यहां लगे हुए हैं।
ट्रस्ट के निदेशक जेएस फौजदार, ट्रस्टी आरसी लोढ़ा ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि ट्रस्ट हमेशा से ही सामाजिक सरोकारों के तहत कार्य करता है। यहां विभिन्न रोगों के उपचार के लिए शिविर लगाये जाते है। कैंसर इन दिनों भयानक रोग हो रहा है, इसका उपचार साथ ही जागरूकता जरूरी होने के कारण यह शिविर लगाया गया है। अब प्रति तीन माह के अंतराल से इस प्रकार का शिविर लगाया जायेगा तथा क्षेत्र के रोगी चिन्हित होने पर उनको नवग्रह आश्रम से दवाईयां उपलब्ध करायी जायेगी।
ट्रस्ट परिसर में तैयार होगी हर्बल वाटिकाः- श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने ट्रस्ट के सामाजिक सरोकारों के तहत किये जाने वाले कार्यो से प्रभावित होकर ट्रस्ट को आगामी दिनों एक हजार औषधीय पौधे उपलब्ध कराने की घोषणा की ताकि यहां पर ही हर्बल वाटिका तैयार हो सके तथा जरूरतमंद को रोगोपचार में वानस्पतिक चिकित्सा पद्वति मिल सके। इनमें कैंसर के अलावा ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी, लीवर, डिप्रेशन सहित अन्य कई रोगों के उपचार में वो पौधे लाभदायक साबित होगें।

MOOLCHAND PESWANI
68. GANDHI PURI
SHAHPURA DISTT BHILWARA
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