फर्स्ट इन क्लास ने एक लाख शहीदों के परिवारों के लिए निःशुल्क शिक्षा प्लेटफॉर्म लांच किया

रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन और फर्स्ट इन क्लास ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

नयी दिल्ली, 21 फरवरी, 2022- फर्स्ट इन क्लास एजुटेक प्लेटफॉर्म ने भारत और विश्व में सबसे बड़ी निःशुल्क एजुटेक पहल के लिए रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन (आरआईएलएम) के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत एक लाख टैबलेट पीसी निःशुल्क वितरित किया जाएगा। ये सभी टैबलेट पूर्ण से क्रियाशील ई लर्निंग प्लेटफॉर्मों से लैस होंगे और इन्हें फर्स्ट इन क्लास द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
यह पहल भारत की आजादी के 75वें वर्ष- आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर की जा रही है।
फर्स्ट इन क्लास सीबीएसई-एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की तर्ज पर तैयार के से लेकर 12 तक के उच्च गुणवत्ता के कंटेट उपलब्ध कराएगा। शुरूआत में यह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, कन्नड़, बांग्ला, पंजाबी और छह अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा जिससे अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें और मातृभाषा में सीख सकें। 10,000 घंटे से अधिक के ऑडियो विजुअल एवं ग्राफिकल इंटरफेस इस कोर्स लाइब्रेरी का हिस्सा होंगे। इसे इंटरऐक्टिव टेस्टिंग एवं असेसमेंट मॉड्यूल्स से जोड़ा जाएगा। यह कोर्सवर्क लाइव टीचिंग की सुविधा से लैस होगा। माता पिता अपने बच्चों की प्रगति पर नजर रख सकें, इसके लिए एक विशेष सतत रिव्यू डेक, यूजर इंटरफेस अनुकूल प्रारूप में उपलब्ध होगा।
फर्स्ट इन क्लास प्लेटफॉर्म के जरिये बच्चों को सांस्कृतिक सीख, भाषा सीख और आध्यात्मिक सीख भी मिल सकेगी। उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा के मॉड्यूल्स और यूपीएससी, लॉ एवं इंजीनियरिंग में विशेष कंटेंट की भी पेशकश होगी।
एक वर्चुअल समारोह में आरआईएलएम के चेयरमैन कमल सांघवी और आईटीवी नेटवर्क के संस्थापक कार्तिकेय शर्मा ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
आरआईएलएम के चेयरमैन कमल सांघवी ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के मौके पर कहा, सरकार डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देना चाहती है। इस संदर्भ में आरआईएलएम ने ई लर्निंग कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए पहले ही एनसीआरटी के साथ समझौता कर रखा है। इस नए साल में व्यावसायिक प्रशिक्षण में सार्वजनिक प्राथमकता के साथ फर्स्ट इन क्लास, आरआईएलएम के गठबंधन में उच्च कक्षाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा हेतु कंटेंट तैयार करेगा।
आईटीवी नेटवर्क के संस्थापक कार्तिकेय शर्मा ने कहा, इस कोर्सवर्क को देश में दिग्गज शिक्षाविदों द्वारा सीबीएसई एनसीआरटी पाठ्यक्रम के मुताबिक तैयार किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण इसकी पेशकश हिंदी, अंग्रेजी और कई क्षेत्रीय भाषाओं में की जा रही है जिससे अधिक से अधिक लोग इसे अपना सकें और अपनी मातृभाषा में सीख सकें। यह नवीनतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए कंटेंट निर्माण के लिए वर्षों के अनुसंधान और कठिन मेहनत का फल है जिससे विद्यार्थी समग्र रूप से सीखकर लाभ उठा सकेंगे।
फर्स्ट इन क्लास की संस्थापक सुश्री ऐश्वर्य शर्मा ने कहा, फर्स्ट इन क्लास का जन्म इस विजन के साथ हुआ है कि हर बच्चा अनूठा है और उसे समान रूप से सीखने और सोचने का अवसर मिलना चाहिए। हमारा पाठ्यक्रम सीखने को लेकर नयी डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर गहन अनुसंधान का परिणाम है। हमारे अत्यधिक अनुभवी अध्यापकों ने बड़ी सावधानी से इस पाठ्यक्रम को तैयार किया है जिसमें विद्यार्थियों के दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी गई है। फर्स्ट इन क्लास में हमारा मानना है कि शहीदों और देश के बलिदान देने वाले लोगों के बच्चों के प्रति हमारा कर्तव्य है और हमें एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में उनके परिवारों की मदद करने की जरूरत है।
सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री शेखर मेहता और वरिष्ठ रोटरी सदस्य श्री एएस वेंकटेश, श्री विवेक तनखा और डॉक्टर महेश कोटबगी उपस्थित थे।
रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री शेखर मेहता ने कहा, स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हमारे शहीदों को नमन करने का यह हमारा एक तरीका है। अपनी जान का बलिदान देने वाले लोगों का ऋण उतारने का हमारे पास कोई तरीका है, बल्कि उनके लिए यह हमारी श्रद्धांजलि है। हम पिछले 10 वर्षों से भारत में ई लर्निंग पर काम करते रहे हैं और विश्वस्तरीय ऑडियो विजुअल कंटेंट उपलब्ध कराते हुए हजारों स्कूलों तक पहुंचते रहे हैं।
सांसद और रोटरी सदस्य श्री विवेक तनखा ने कहा, आज जो कुछ किया जा रहा है, उसे दुनिया याद रखेगी। यह समझौता रोटरी और कॉरपोरेट जगत को यह बताने का एक संगठित प्रयास है कि हम एक लाख बच्चों को शिक्षित करने को तैयार हैं।
आईआईटी-एम और आईआईएम-ए के छात्र रहे और रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक श्री एएस वेंकटेश ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण समझौता है जो आने वाले वर्षों में भारत की स्थिति बदलने जा रहा है।
रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक डॉक्टर महेश कोटबगी ने कहा, शहीदों के बच्चों को निःशुल्क ई लर्निंग सुविधाएं समर्पित करना हमारे भारतीय दर्शन को प्रदर्शित करने का एक शानदार तरीका है।

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