मन के अंदर सवाल उठता है कि शिवलिंग मंदिरों में बाहर क्यों होता है ?
निसंदेह भोले नाथ जन साधारण के देवता हैं, इसीलिए भोलेनाथ वहां रहते हैं जहाँ छोटे बड़े, जवान बुजुर्ग आसानी से पहुंच सके | इसी मान्यता के कारण शिवलिंग को मन्दिरों में बाहर ही स्थापित किया जाता है जिससे बच्चे बूढे जवान जो भी जाए शिवलिंग को छूकर, गले मिल कर या फिर भगवान् के पैरों में पड़कर अपना दुखड़ा सुना कर हल्के हो सकते हैं। | इसी वजह से शिवजी अकेले ही वो देव हैं जो गर्भ गृह में भक्तों को दूर से ही दर्शन देते हैं | शिवजी को भोग लगाने और अर्पण करने के लिए कुछ भी नहीं हो तो भक्त उन्हें पत्ता, फूल, या अंजलि भर के भोले नाथ को खुश कर सकता और उनकी पूजा अर्चना कर सकता है |