जयपुर, 1 मार्च, 2022- राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोतजी के हाल ही में की गयी ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर (जिसमें स्किल गेम्स जैसे फैन्टेसी, रम्मी, पोकर, ब्रिज, शतरंज आदि आते हैं) को रेगुलेट करने की घोषणा का ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री ने बड़े उत्साहजनक तरीके से स्वागत किया है |
देश में ऑनलाइन स्किल गेमिंग ऑपरेटर्स की शीर्ष संस्था ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के सीईओ समीर बार्डे ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री इस बात को लेकर बहुत उत्साहित है कि राजस्थान ऑनलाइन स्किल गेमिंग के लिए प्रगतिशील नियामक का दौर शुरू करने वाला देश का पहला राज्य हो सकता है। ई-गेमिंग सेक्टर लंबे समय से नियामक के अभाव में संचालित हो रहा है।’
बार्डे ने यह भी कहा कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर को इस बात से भी बहुत उत्साह मिला है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने अपने बजट भाषण में एनिमेशन, विजुअल आर्ट्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स (एवीजीसी) टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा की है।
बार्डे ने कहा कि सरकार ने इस उभरते हुए सेक्टर की रोजगार और राजस्व पैदा करने की क्षमता को स्वीकार किया है, जिसका सीधा फायदा अन्य महत्वपूर्ण सेक्टर्स जैसे फिनटेक, सेमिकंडक्टर्स, आईटी, बैंकिंग आदि को भी मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर को उचित सहयोग देश में दूसरी सॉफ्टवेयर क्रांति ला सकता है। यह सेक्टर सीधे तौर पर लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार दे रहा है और युवा इंजीनियर्स और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए बेहतरीन अवसर मुहैया करवा रहा है। कई अन्य राज्यों ने भी गेमिंग सेक्टर को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। कर्नाटक ने अपना एवीजीसी सेंटर शुरू करने की घोषणा की है। तेलंगाना ने हैदराबाद को गेमिंग हब बनाने की बात कही है। ऐसे में यदि राजस्थान ई-गेमिंग सेक्टर के लिए प्रगतिशील नीति लाने वाला पहला राज्य बनता है तो राज्य में इस सेक्टर में काफी बड़ा निवेश आ सकता है।’
पिछले 7 वर्षों में ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर में 2 अरब डॉलर से भी ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल हुआ है। ड्रीम11, एमपीएल, गेम्स 24 x7, पेटीएम गेम्स, जंगली गेम्स, हेड डिजिटल वर्क्स आदि ने कई बड़ी प्राइवेट इक्विटी और वेंचर केपिटल फर्म्स से निवेश हासिल किया है। बार्डे का मानना है कि यह सेक्टर और भी आगे जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालयों ने स्किल संबंधी गेम्स को वैध व्यावसायिक गतिविधि मानना है। उन्होंने कहा, ‘कई बार लोग स्किल गेम्स को जुए के समान मान लेते हैं, लेकिन अदालतों ने लगातार अपने फैसलों में स्किल संबंधी गेम्स को गेम्स ऑफ चांस से अलग रखा है और सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाई कोर्ट्स ने पिछले कई वर्षों में रम्मी, ब्रिज, पोकर, चेस और हाल ही में फैन्टेसी को गेम्स ऑफ स्किल माना है।’
राजस्थान में ई-गेमिंग को लेकर प्रस्तावित सुधार पर बोलते हुए बार्डे ने कहा, ‘बजट सत्र में माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जब ई-गेमिंग सेक्टर को रेगुलेट करने के बारे में सदन को संबोधित कर रहे थे तो यह बहुत आश्वस्त करने वाला अवसर था। हम वास्तव में इस निर्णय के साथ हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार इसके लिए एक संयुक्त समिति बनाएगी जिसमें ई-गेमिंग सेक्टर के प्रतिभागी भी शामिल हों। एक स्वतंत्र नियामक संस्था होने के कारन हमारा मानना है की हम इस सेक्टर के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को ध्यान में रखकर प्लेयर्स, इंडस्ट्री और सरकार तीनों के लिए उचित नीति का निर्माण करने में योगदान कर सकता है।
ईजीएफ के बारे में
ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) सोसायटीज रेगुलेशन एक्ट के तहत स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था है जो भारतीय ई-गेमिंग सेक्टर में ग्राहक हितों और सेल्फ रेगुलेशन की दिशा में काम करती है। सुरक्षित, पारदर्शी, निष्पक्ष और जिम्मेदारीपूर्ण ई-गेमिंग के लिए मानक फ्रेमवर्क और संचालन संबंधी दिशा-निर्देशों के जरिए ईजीएफ का प्रयास ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक बेहतरीन नियामकीय वातावरण तैयार करना है।
ई-गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर धारणा में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ ईजीएफ एक ‘उत्तरदायित्वपूर्ण खेल’ का समर्थन करता है और प्लेयर्स को उनके संसाधनों से परे और अत्यधिक समय तक खेलने से रोकता है। ईजीएफ सर्टिफाइड ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स रेस्पोंसिबल प्ले फीचर्स खिलाडि़यों को देते हैं जो निष्पक्ष और सुरक्षित ऑनलाइन गेमिंग का अनुभव देते हैं और उनको ऑनलाइन गेमिंग के किसी भी दुष्परिणाम से बचाते हैं।
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