
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर में संविधान पार्क बनाने को लेकर हो रही लेटलतीफी का मामला आज गुरूवार को राजस्थान विधानसभा में गूंजा। भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि महामहीम राज्यपाल की घोषणा के 3 साल बाद भी एमडीएस विश्वविद्यालय में संविधान पार्क को नहीं बनाना पूरे तंत्र पर सवालिया निशान है। दोषी जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आगे ऐसी गलती की पुनरावृति नहीं हो।
संविधान पार्क को लेकर सदन में लगाए गए स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा वर्ष 2019 में एमडीएस विवि के दीक्षांत समारोह के दौरान संविधान पार्क बनाने की घोषणा की गई। पार्क निर्माण के पीछे उद्धेश्य विश्वविद्यालय के छात्रों को संविधान की जानकारी से अवगत कराना मुख्य था। वैसे कायदे से पार्क अब तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन संबंधित जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते पार्क पूर्ण होना तो दूर अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ भी नहीं हो सका। पत्रकारिता विवि के कुलपति ओम थानवी को विवि का अतिरिक्त पदभार दिया तो वे भी फाइल को आगे-पीछे घूमाते रहें। उनके जिम्मेदारों ने भी प्रोजेक्ट को ठण्डे बस्ते में डाले रखा, जिसका परिणाम यह रहा कि लापरवाही और लेटलतीफी के चलते प्रोजेक्ट की लागत बढती ही चली गई। 15 जनवरी को वित्त समिति की बैठक में पार्क के लिए बजट डेढ करोड बढाकर ढाई करोड तो कर दिया लेकिन प्रोजेक्ट का दुर्भाग्य ही कहिए कि बजट बढाने के तीन माह के बाद भी पार्क कागजों में निकलने के इंतजार में है। राज्यपाल द्वारा घोषणा करने, पार्क के लिए जमीन का चयन होने एवं पार्क हेतु बजट बढाने के बाद भी पार्क का निर्माण शुरू नहीं होना निश्चित ही पूरे तंत्र की कार्यशैली पर प्रश्न खडा करता है।
उन्होंने ने कहा कि सरकार समय रहते पार्क का निर्माण प्रारंभ करें नहीं तो फिर प्रोजेक्ट की लागत बढना तय है जिसका भार अन्ततः जनता पर आने वाला है। देवनानी ने सरकार से विवि के कुलपति को ंसविधान पार्क का निर्माण शीघ्र प्रारंभ करने के लिए निर्देर्शित करने एवं लेटलतीफी के दोषी जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।