-देवनानी का राज्य सरकार पर आरोप।
-राज्य मेडिकल कॉलेजों हेतु केन्द्र के बराबर पैसा देना तो दूर दिए हुए पैसे को भी खर्च करने में नाकाम।
-विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब से खुलासा।
भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर चिकित्सा शिक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का चिकित्सा शिक्षा के उत्थान की तरफ कतई ध्यान नहीं है। राज्य सरकार ने 3 सालों में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का बेडागर्त करने में कोई कसर नहीं छोडी है। राज्य केन्द्र के बराबर पैसा देना तो दूर केन्द्र द्वारा दिए पैसे को भी मेडिकल शिक्षण संस्थानों पर खर्च करने में नाकाम रही है।
मेडिकल कॉलेजों को लेकर विधानसभा में लगाए प्रश्न के मिले जवाब पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि प्रदेश में 15 सरकारी व राजमेस सोसाइटी के अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज संचालित है जिनमें से 6 राजकीय क्षेत्र, 1 सोसायटी झालावाड, 7 राजमेस तथा 1 मेडीकल कॉलेज राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विद्यालय के संगठक महाविद्यालय के रूम में संचालित है। भारत सराकर की केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के अंतर्गत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के लिए दिसम्बर 2021 तक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में सुविधाओं के लिए एवं राजमेस के नवीन महाविद्यालयों एवं उन्नयन हेतु केन्द्र से राज्य को सवा 14 सौ करोड से अधिक राशि स्वीकृत हुई जबकि राज्य द्वारा करीब 7 करोड के लगभग राज्यांश के रूप में मिलाए गए। ताजूब की बात तो यह है कि छोटी-छोटी बातों में राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत केन्द्र को तो कोसते हैं लेकिन मेडिकल कॉलेजों पर खर्च करने के लिए केन्द्र द्वारा दी राशि को तक नहीं खर्च करा पाए।
देवनानी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के प्रति राज्य कितना सर्तक है इसका अनुमान इस बात से भी लगा सकते हैं। राज्य में 7 नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केन्द्र ने राज्य को 96300 करोड रूपए रिलीज किए जबकि राज्य ने उसमें महज 43307.40 करोड ही मिलाए। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज के लिए केन्द्र से मिले पूरी राशि तक को राज्य सरकार रिलीज नहीं कर सकी। राज्य की ओर से केन्द्र द्वारा मिली 96300 करोड में से महज 61614.75 करोड ही रिलीज कर पाई जबकि 34685.25 करोड रिलीज ही नहीं कर पाई। इसके अलावा रिलीज राशि में से भी 9356.98 करोड रूपए अब तक खर्च नहीं नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज खोलने के नाम पर राज्य सरकार केन्द्र के पैसे के दम पर वाहवाही लूट रही है जबकि स्वयं का चिकित्सा शिक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। राज्य न केन्द्र सरकार के बराबर चिकित्सा शिक्षा पर पैसा खर्च कर रही है और न केन्द्र द्वारा पैसे को समय पर खर्च पा रही है। देवनानी ने राज्य सरकार से केन्द्र के पैसे पर थोथी वाहवाही नहीं लूटने एवं केन्द्र द्वारा दी गई राशि को समय से मेडिकल कॉलेजों पर खर्च करने की मांग की है।