एमएसडीई, पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने वाली भारत की महिलाओं के साहस को सलाम करता है

नई दिल्ली, मार्च, 2022: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें स्किल इकोसिस्टम में महिलाओं द्वारा की गई उपलब्धियों को मान्यता दी गई और भारत के आर्थिक विकास को बढ़ाने में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। हमारे देश की महिलाओं ने सबसे आगे आकर और हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होकर वास्तव में रूढ़िवादी परंपराओं का मुकाबला किया है और असमानताओं को खत्म किया है। स्किल इंडिया मिशन की स्थापना के बाद से, प्लंबिंग, वेल्डिंग और ड्राइविंग जैसी गैर-पारंपरिक जॉब रोल्स में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।

इस कार्यक्रम में मंत्रालय के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और स्किल इंडिया मिशन के पार्टनर इकोसिस्टम की उपस्थिति थी। इस अवसर पर आज 100 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया गया – ये महिलाएं इंडियास्किल्स, क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम और अन्य में राज्य स्तरीय चैंपियन हैं। इसके अलावा, देश भर में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में 21 राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) के विस्तार केंद्रों का उद्घाटन किया गया। निस्बड एनएसटीआई प्रशिक्षुओं के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम के बाद उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेगा ताकि भविष्य के उद्यमी बनाने के लिए उद्यमशीलता की क्षमता विकसित की जा सके।

सरकार महिलाओं सहित सभी नागरिकों के लिए कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। एमएसडीई ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। उद्योग 4.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3डी प्रिंटिंग, डेटा एनालिटिक्स आदि और पारंपरिक कौशल जैसे वेल्डिंग, ऑटोमोबाइल मैकेनिक्स आदि से जुड़े नए युग की जॉब रोल्स में महिलाओं के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए, एमएसडीई के सचिव, श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, “आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, जैसा कि हम पूर्वाग्रह को तोड़ने वाली महिलाओं की पहचान करते हैं और उनके हुनर का सम्मान करते हैं। मैं उन सभी महिलाओं के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि वे वह मजबूत स्तंभ हैं जिन पर आत्मानिर्भर भारत की इमारत टिकी हुई है। हमारे देश की महिलाओं ने वास्तव में असमानताओं और प्रतिरोध की बाधाओं को तोड़ दिया है, अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आगे आई हैं, समाज के प्रति अपने सहयोग को मजबूत किया है और देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने में पूरी मजबूती के साथ अपना योगदान दिया है। मेरी यह अनुशंसा होगी कि हैशटैग #BreaktheBias के साथ, हमें #BringBacktheWomen को जोड़ना चाहिए क्योंकि महिलाए रूढ़ियों का मुकाबला करके, असमानताओं और बहिष्करण को समाप्त करके सबसे आगे दिखाई देती हैं, यही सच्ची नारी शक्ति है। पारिस्थितिकी तंत्र के विकसित होने के साथ, मानसिकता भी बदल रही है और हमें नए भारत की मांग को पूरा करने और इसके विकास में योगदान देने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प लेना चाहिए।

संभव फाउंडेशन की चीफ इम्पैक्ट ऑफिसर और लेबरनेट सर्विसेज इंडिया की चेयरपर्सन गायत्री वासुदेवन ने महिलाओं को स्किलिंग कोर्स करने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया और उन्होंने विस्तारपूर्वक समझाया कि कैसे स्किलिंग को लिंग आधारित के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी कम है और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए और एक मजबूत नीतिगत ढांचा तैयार करना चाहिए जो यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को सबसे आगे रखा जाए।

मंत्रालय ने महिलाओं को न केवल उद्योग में मजदूरी-रोजगार लेने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु, बल्कि उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के लिए भी कई पहल शुरू की हैं। एमएसडीई की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) उपयुक्त स्किलिंग और कौशल की मुख्य धारा के जेंडर के माध्यम से कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। पीएमकेवीवाई के तहत, 40 लाख से अधिक महिलाओं को प्रमाणित किया गया है जो कुल प्रमाणित का 40% से अधिक है। रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल), पीएमकेवीवाई योजना के तहत एक कौशल प्रमाणन कार्यक्रम है, जो भारतीय युवाओं और 23 लाख से अधिक महिलाओं को उद्योग से संबंधित कौशल प्रमाणन, अपस्किलिंग और प्रमाणित करने में सक्षम बनाता है। इसमें मणिपुर में ब्रू जनजाति, राजस्थान में गलीचा बुनकर, जम्मू और कश्मीर में नमदा कला और नागालैंड में बांस शिल्प शामिल हैं।

देश भर में फैले 14,000+ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में महिलाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्राप्त कर रही हैं। आईटीआई में वर्ष 2014 से अब तक महिलाओं के पंजीकरण में लगभग 100% की वृद्धि देखी देखी है। देश भर के जन शिक्षा संस्थानों में 85% से अधिक महिला प्रशिक्षु हैं। देश भर में 18 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान केवल महिलाओं के लिए हैं।

इसके अलावा, इंडियास्किल्स 2021 प्रतियोगिता जैसी पहलों में, 2018 में आयोजित पिछले संस्करण की तुलना में महिलाओं की भागीदारी में 110% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। प्लंबिंग और हीटिंग, वेल्डिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्री 4.0 जैसे कुछ ट्रेडों में पहली बार महिला उम्मीदवारों की भागीदारी देखी गई है।

भारत विश्व की कौशल राजधानी बनने की ओर अग्रसर है, लैंगिक समानता आर्थिक उत्पादकता को बढ़ा सकती है और विकास के परिणामों में सुधार कर सकती है। प्रौद्योगिकी का उपयोग, फंडिंग के अवसर और अपस्किलिंग कार्यक्रम महिलाओं को चल रहे परिवर्तनकाल में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।

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