‘राजस्थान भू-राजस्व संशोधन विधेयक 2022’ पर बुधवार को सदन में बोलते हुए देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार की कोई योजना नहीं होने से शहर में कृषि भूमि पर धड़ाधड़ मकान बनते चले गए। लोगों ने कृषि भूमि पर मकान बनाते समय ना साइड प्लान और ना ही अन्य नियमों का ध्यान रखा, जिसका खमियाजा लोगों को अब तक भी भुगतना पड रहा है। तब से अब तक यहां न कोई सड़क है, न नालियां और न कोई प्रकाश की व्यवस्था ही है। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोगों को तरसना पड़ रहा है। विधायकों की लाख इच्छा होने के बाद भी नियमों की अड़चन के चलते इन काॅलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहे हंै। ऐसे में सरकार की ओर से कृषि भूमि पर बसी काॅलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो। इस पर पहले काम करने की सख्त आवश्यकता है।
देवनानी ने कहा कि एडीए, नगर निगम व आवासन मण्डल की जमीन पर लोग बसे हुए हैं, इनको किस नियम के तहत पट्टे देंगे, यह अभी तक तय नहीं है। आज अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए संशोधन विधेयक ला रहे हैं, तो यह ठीक नहीं है। सरकार को संशोधन विधेयक लाने से पहले 17 जून, 1999 से पहले कृषि भूमि पर बने मकानों को पट्टे देने की दिशा में भी सोचना चाहिए। संशोधन विधेयक लाने से पहले जरा इतना विचार जरूर होना चाहिए था कि इसको लेकर अब कोई कोर्ट केस नहीं होगा। गुलाब कोठारी की ओर से लगाए गई याचिका पर न्यायालय का जो फैसला आया है, एक बार उसका ही अध्ययन कर लिया होता, तो शायद यह संशोधन विधेयक लाने की नहीं सोचते। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित करने से पहले कोई इस प्रकार का मैकेनिज्म बनाना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि मकानों को पट्टे देने के बाद भविष्य में उनके साथ आगामी सरकारों की ओर से कोई परेशानी खड़ी नहीं की जाएगी।
देवनानी ने कहा कि सरकार को कृषि भूमि पर बसे मकान मालिकों को पट्टे तो देने चाहिए, लेकिन उससे पहले तमाम पहलुओं पर ठीक से विचार कर लेना चाहिए। एक तिथि तय करके इन लोगों को राहत, पट्टे और सुविधाएं तीनों मिले, ऐसा प्रयास होना चाहिए। सरकार यह सुनिश्चत करे कि बिना राजनीति किए सबको पट्टा दिया जाएगा। राजनीति भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन लोगों को पट्टे उपलब्ध कराया जाए उनको साथ में ही मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए। अंत में देवनानी ने संशोधन विधेयक को लेकर जल्दबाजी ना करते हुए छह माह के लिए जनमत के लिए प्रसारित करने का सरकार को सुझाव भी दिया।
नहीं मिले पट्टे
देवनानी ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान पिछले पांच माह से प्रदेश में चल रहा है, जिसमें जरूरतमंदों को पट्टे बांटे जा रहे हैं, लेकिन अजमेर में पट्टे बांटने की गति बहुत धीमी है। पिछले पांच माह में अजमेर में निगम ने आठ सौ और एडीए ने तीन हजार पट्टे दिए हैं। पट्टे देने की तिथि अगर 10 दिसम्बर ही करनी तो समय पहले बढ़ाते ताकि इसका लाभ सबको मिलता।