कल देर शाम लाल किला के हृदय स्थल पर *भारत भाग्य विधाता* कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ *भीलवाड़ा सुर संगम* का नवमी संस्करण
गौरतलब बात है कि गत कई वर्षों से भीलवाड़ा सुर संगम के माध्यम से सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गौरव को संजोए रखने का एक समायोजित प्रयास किया जा रहा है भारत भाग्य विधाता कार्यक्रम 25 मार्च से 3 अप्रैल तक लाल किला के प्रांगण में भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के सहयोग से कई औद्योगिक घरानों के द्वारा साथ मिलकर संयुक्त तत्वधान में आयोजित किया जा रहा है।
इसी क्रम में कोरोना संक्रमण काल के 2 वर्षों के बाद आयोजित इस कार्यक्रम में कल अपनी प्रस्तुति दी *पदमश्री ख्याति प्राप्त सितार वादक उस्ताद शाहिद परवेज खान और बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार * उनका साथ दिया उस्ताद साबिर खान ,उस्ताद अकरम खान और अनुब्रता चटर्जी ने।
कार्यक्रम का आगाज एलएनजे ग्रुप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला ने अन्य सहयोगीयों के साथ मिलकर दीप प्रज्वलन कर शुरू किया।
*उस्ताद शाहिद परवेज खान और पंडित रोनू मजूमदार के बीच सितार और बांसुरी वादन का जुगलबंदी देखने लायक थी और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया*
इसी क्रम में कल देर शाम 2 अप्रैल को लाल किला के प्रांगण में भारत भाग्य विधाता कार्यक्रम के तहत मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, डालमिया ग्रुप और एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय संस्कृति की छाप को जीवंत रूप देना तथा लोगों के बीच पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा और संगीत के धरोहर को संजोए रखने का एक साझा प्रयास किया जा रहा है।
एलएनजे ग्रुप के ओएसडी रजनीश वर्मा ने बताया लाल किला के मेला ग्राउंड में कल शाम ने अपनी प्रस्तुति दी *पद्मभूषण डॉ एल सुब्रमण्यम* और उनकी 8 कलाकारों की पूरी टीम जुगलबंदी और फ्यूजन म्यूजिक की प्रस्तुति देंगे कीबोर्ड, गिटार तबला ,मिरदंग, ड्रम और ड्राफ से समा बांधने मैं सफल हुए।
साथ दिया *वायलिन के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार अंबाभी सुब्रमण्यम*
इस अवसर पर एलएनजे ग्रुप के चेयरमैन रवि झुनझुनवाला ने कहा कि संगीत के प्रति सामाजिक सरोकार के तहत अपने दायित्व को निभाने में एलएनजे ग्रुप सदैव आगे रहा है इसी क्रम में गत आठ वर्षों से भीलवाड़ा सुर संगम के माध्यम से शास्त्रीय संगीत तथा इंस्ट्रुमेंटल संगीत को लोगों के बीच पहुंचा कर इसकी धरोहर को संजोए रखने का एक सभी लोगों का समायोजित प्रयास है और आगे गत वर्षो में निरंतर जारी रहेगा