4.30 लाख बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से बंचित करना बालिका शिक्षा पर कुठाराघात-देवनानी

-प्रेसवार्ता में देवनानी का कांग्रेस सरकार पर हल्ला-बोल।
-सरकार बालिका शिक्षा को बढावा देने की बजाए प्रोत्साहन योजनाओं पर भी चला रही है कैची।
-फ्री बिजली देने के नाम पर वाहवाही लूटने वाली कांग्रेस सरकार अब 1 रू. प्रति यूनिट बढाने को आमादा।
-राज्य सरकार जनविरोधी, जनता का कांग्रेस से मोह भंग।

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 21 अप्रेल।
भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 4.30 लाख से अधिक होनहार बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार से बंचित करना बालिका शिक्षा पर जमकर कुठाराघात है। कांग्रेस सरकार समय रहते अपने विवेकहीन फैसले पर पुनः विचार करें, नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें। यह बात देवनानी ने गुरूवार को अजमेर में प्रेसवार्ता के दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही।
देवनानी ने राज्य सरकार सन् 1997 से बोर्ड कक्षा में 75 प्रति. अंक प्राप्त करने वाली होनहार बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार देती आई है, लेकिन बालिका शिक्षा प्रोत्साहन का दंभ भरने वाली कांग्रेस सरकार बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं पर कैची चला रही है। सरकार द्वारा सत्र 2021 में 75 प्रति. की बताए 90 प्रति. अंक लाने वाली बालिकाओं को गार्गी एवं प्रोत्साहन पुरस्कार देने की निर्णय कर बालिका शिक्षा पर कुठाराघात किया है। ऐसा होने से प्रदेश की 4.30 लाख बालिकाएं गार्गी एवं प्रोत्साहन पुरस्कार से वंचित हो रही है। वर्ष 2021 में 75 प्रति. अंक प्राप्त कर 6.65 लाख बालिकाएं इस पुरस्कार के योग्य थी लेकिन सरकार के इस नए निर्णय से महज 2.35 लाख बालिकाओं को ही गार्गी एवं प्रोत्साहन पुरस्कार मिल पाएगा, शेष 4.30 लाख होनहार बालिकाओं पुरस्कार से वंचित रहेगी। सरकार का फैसला अनुचित है। सरकार को पहले की भांति 90 प्रति. की बजाए 75 प्रतिशत अंक लाने वाली बालिकाओं को ही गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार देने पर विचार करना चाहिए, ताकि बालिका शिक्षा आगे बढ सके।
देवनानी ने कहा कि सरकार प्रदेश में बिजली की व्यवस्था करने में नाकाम रही है। मुख्यमंत्री ने भले ही विधानसभा में कुछ यूनिट बिजली फ्री देने का वादा कर क्षणिक वाहवाही लूट ली हो लेकिन फ्री तो बाद की बात है लोगों को बिजली ही नहीं मिल पाना निश्चित ही विचारणीय प्रश्न है। कोयले का स्टाॅक नहीं होने से बिजली बन नहीं पा रही है, जिसके चलते मजबूरी में राज्य को बाहर से महंगी बिजली खरीदनी पड रही है। छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी प्रदेश को बिजली संकट से जूझना पड रहा है, जिसके चलते सरकार ने 1 रू.प्रति यूनिट दर बढाने का लगभग फैसला कर लिया है। अगर ऐसा होता है तो बिजली को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में दी गई राहत ‘उंट के मूंह में जीरा’ सिद्ध होगी। वैसे भी अन्य राज्य से तुलना करेंगे तो सबसे ज्यादा महंगी दर पर बिजली प्रदेशवासियों को ही मिल रही है।
कांग्रेस पर प्रहार बोलते हुए देवनानी ने कहा कि जनता का कांग्रेस से मोह भंग हो चुका है। कांग्रेस शासन से जनता बिल्कुल त्रस्त अनुभव कर रही है। इसी का परिणाम है कि सदस्यता अभियान के दौरान पचास लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर चली कांग्रेस राज्य में अब तक महज 19 लाख ही बना पाई। सदस्य बनना तो दूर जनता ने कांग्रेस को अभी से ही पूरी तरह से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। वह राजनीतिक नियुक्तियां तो दूर अपने जिलाध्यक्ष और ब्लाॅक अध्यक्ष तक भी नहीं बना पा रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जिस दिन समाचार पत्रों में भ्रष्टाचार से जुडे समाचार प्रकाशित नहीं हो रहे हो। कांग्रेस सरकार को दीमक लग चुकी है।
ईडी जांच की मुख्यमंत्री तक आंच
उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा धांधली की जांच ईडी ने शुरू की है। जांच से साबित हो ही जाएगा कि धांधली के तार राजीव स्टेडी सर्कल के संरक्षक सुभाष गर्ग, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं जारौली जैसे उंचे पदों पर बैठे लोगों से जुडे हुए है। राज्य सरकार वास्तव में दूध का दूध और पानी का पानी चाहती है तो रीट परीक्षा में धांधली की जांच सीबीआई से कराने का साहस दिखाना चाहिए ताकि ईडी और सीबीआई दोनों मिलकर सच सबके सामने ला सके।
पेयजल आपूर्ति फैल
अजमेर उत्तर विधायक देवनानी ने कहा कि मूलभूत सुविधा देने में राज्य सरकार और अजमेर प्रशासन फैल साबित हुए है। आज अजमेर को पेयजल 48 घण्टे की बजाए 84 से भी अधिक घण्टे में मिल रहा है। समय पर पेयजल की आपूर्ति नहीं होना और उपर से गर्मी की मार से अजमेरवासियों का जीवन मुश्किल हो चला है। बीसलपुर बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बाद भी अजमेरवासियों को पेयजल के लिए तरसना पड रहा है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बाद समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। उधर अस्पतालों में पचास प्रतिशत निशुल्क दवाइयां उपलब्ध नहीं होने से मरीजों और परिजनों को काफी समस्या का सामना करना पड रहा है। जरूरतमंदों को मजबूरी में बाहर मेडिकल दुकानों से महंगी दवाइयां खरीदने को मजबूर होना पड रहा है।
खुदा पडा है शहर
उन्होंने कहा कि पानी के अतिरिक्त बिजली, सीवरेज, स्वास्थ्य इत्यादि मूलभूत सुविधा से भी शहरवासी वंचित है। सीवरेज से जुडी समस्या जोरों पर है। पिछले डेढ साल से सीवरेज का काम चल रहा है। अजमेर शहर जगह-जगह से खुदा पडा है। पुष्कर रोड और फायसागर रोड जगह जगह खुदी होने के कारण वाहनचालक आए दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कलक्टर सहित तमाम प्रशासनीक अधिकारियों से मिलने के बाद भी समस्या हल की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।

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