अस्तित्व के खतरे में पड़ते आनासागर को बचाने के लिए प्रशासन जल्द उठाए कदम-देवनानी

-देवनानी ने जिला कलेक्टर को लिखा पत्र, नगर निगम व मत्स्य विभाग की लापरवाही पर जताई नाराजगी
झारों मछलियों के मरने और पानी के सड़ांध मारने लोगों का रहना और निकलना हुआ दूभर

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 24 अप्रैल। हजारों मछलियों के मरने और पानी के सड़ांध मारने के कारण आनासागर का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। साथ ही आसपास के लोगों का रहना और राहगीरों का वहां से निकलना दूभर हो गया है। यदि जल्द ही आनासागर की सफाई नहीं कराई गई, तो इसके सड़ांध मारते पानी से बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने का अंदेशा पैदा हो जाएगा।
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने जिला कलेक्टर अंश दीप को लिखे पत्र में नागरिकों की यह पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से आनासागर में बड़ी मछलियां दम तोड़ रही हैं, लेकिन नगर निगम और मत्स्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा हुआ है। पानी गंदा होने के कारण इसमें आॅक्सीजन की मात्रा लगभग खत्म हो गई है, जिससे बड़ी संख्या में मछलियों के मरने का सिलसिला चल रहा है। पानी बदबू ही नहीं, बुरी तरह सड़ांध मार रहा है, जिससे आनासागर परकोटे के लगे क्रिश्चियन गंज, रेम्बुल रोड, वैशाली नगर, सागर विहार, जनता काॅलोनी, एलआईसी काॅलोनी, आनंद नगर, पुष्कर रोड आदि क्षेत्रों में लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।
पत्र में कहा गया है कि बार-बार बताने और चेतावनी देने के बावजूद आनासागर में ब्रेड, बिस्किट, रोटी आदि डालने पर पाबंदी नहीं लगाई गई है। इसी तरह बढ़ती किनारे पर काई व जलकुंभी की सफाई कराने के लिए भी कोई कारगर प्रयास नहीं किए गए हैं, जबकि जलकुंभी की सफाई के लिए महंगी मशीन भी नगर निगम के पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि एक बार पूरे आनासागर की अच्छी तरह सफाई कराकर इसके पानी में आॅक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए मशीन, उपकरण लगाने के कठोर कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि पानी की सड़ांध दूर हो सके। इसके लिए सबसे पहले जलकुंभी की सफाई कराने के बाद आनासागर के चारों ओर ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे लोग इसमें ब्रेड, बिस्किट, रोटी या अन्य खाद्य सामग्री नहीं डाल सकें।

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