-सरकार की नाकामी ने जनता को बिजली संकट में झोंक दिया
≤ रहते छत्तीसगढ़ से कोयला मंगवा लिया जाता और पहले व्यवस्था कर ली जाती, तो घोषित-अघोषित बिजली कटौती नहीं सहनी पड़ती
-प्रदेश में सरप्लस बिजली होने और फ्री बिजली देने के दावे भी निकले झूठे
-अब महंगी बिजली खरीदने के नाम पर जनता की जेब पर डाका डालने की तैयारी
देवनानी ने जारी बयान में कहा कि बिजली संकट को देखते हुए कांग्रेस सरकार का यह दावा झूठा साबित हो गया है कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है। वह लोगों को 50 यूनिट तक फ्री बिजली देने का दावा भी कर रही है, लेकिन असलियत इसके विपरीत है। फ्री बिजली तो अभी तक नहीं मिल पाई है, किंतु सरकार अब महंगी बिजली खरीदने के नाम पर जनता की जेब पर डाका डालने की तैयारी कर रही है।
देवनानी ने कहा कि गांवों में रोजाना दो से चार घंटे भी बिजली मुश्किल से मिल पा रही है, जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इन दिनों तेज गर्मी पड़ने और पूरी बिजली नहीं मिल पाने के कारण फसलें सूखने की स्थिति में आ गई हैं। शहरी क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर घोषित, तो कुछ स्थानों पर अघोषित रूप से बिजली कटौती की जा रही है, जिससे भीषण गर्मी में लोगों को हाल-बेहाल हो गया है। बिजली कटौती के कारण जहां लोग गर्मी में पसीने से तर-बतर होकर समय गुजारते हैं, तो अनेक स्थानों पर पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है। ऐसे में पानी का संकट भी गहराता जा रहा है।
देवनानी ने कहा, अब सरकार यह बहाना बना रही है कि गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा बढ़़ने के कारण संकट पैदा हो गया है, जबकि यह कोई नई बात नहीं है। हर साल गर्मी में पंखे, कूलर, एसी आदि चलने के कारण बिजली की खपत बढ़ जाती है। जब यह तथ्य जगजाहिर है, तो फिर सरकार ने गर्मी में बढ़ती मांग को देखते हुए पहले ही कोई व्यवस्था करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार अब कोयले की कमी का रोना रो रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वहां से कोयला लाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोयला खान में खदान की राशि का समय पर भुगतान किया जाता, तो हो सकता है, छत्तीसगढ़ की खानों से कोयला मिलने में दिक्कत नहीं आती।
देवनानी ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश में बिजली उत्पादन करने वाली जितनी भी इकाइयां हैं, वे भी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रही हैं। इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस सरकार ने इन इकाइयों में पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन की तरफ भी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कभी बिजली इकाइयों को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो कभी छत्तीसगढ़ से कोयला नहीं मिलने का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अब भी कारगर कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली संकट बुरी तरह गहरा जाएगा।