नई दिल्ली,30 अप्रैल 2022: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में अंतरिक्ष विभाग में टेक्निकल स्टाफ को अपस्किल करने के उद्देश्य से, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमएसडीई के सचिव श्री राजेश अग्रवाल और अंतरिक्ष विभाग के सचिव / इसरो के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम का उद्देश्य देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार इसरो के टेक्निकल स्टाफ के कौशल विकास और क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार करना है। अगले 5 वर्षों के दौरान इस कार्यक्रम के द्वारा 4000 से अधिक इसरो टेक्निकल एम्पलाई को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण का स्थान भारत भर में स्थित एमएसडीई के तहत राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग के तहत इसरो सेंटर्स और यूनिट्स में काम करने वाले विभिन्न टेक्निकल स्टाफ के कौशल को बढ़ावा देना है। देश भर में एमएसडीई और इसके अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्थानों की मदद से, यह कार्यक्रम लेटेस्ट इंडस्ट्री ट्रेंड्स और आवश्यकताओं के अनुसार कर्मचारियों के स्किल सेट को उन्नत करने के लिए विशिष्ट विषयों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा। एमओयू के तहत, इसरो कार्यक्रम के बड़े उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक विस्तृत ट्रेनिंग कैलेंडर, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम तैयार करने हेतु एमएसडीई और संबद्ध एनएसटीआई के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा। इसरो प्रशिक्षुओं को ट्रेनी किट मुहैया कराएगा।
इसके साथ, एमएसडीई कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑफिस के परामर्श से चिन्हित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए लैब्स, वर्कशॉप, क्लासरूम, स्पेसमन और अन्य प्रशिक्षण सुविधाओं की व्यवस्था भी करेगा। एमएसडीई इसके सफल क्रियान्वयन के लिए ऑवरऑल मैनेजमेंट और कार्यक्रम के पूर्ण देखरेख के लिए भी जिम्मेदार होगा।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर करने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कि “टेक्नोलॉजी के आने और दुनिया के डिजिटलीकरण की ओर बढ़ने के साथ, यह अनिवार्य हो गया है कि हम अपने टेक्निकल स्टाफ को सभी क्षेत्रों में अपस्किल करें। इसरो में टेक एक्सपर्ट्स का अपस्किलिंग उसी दिशा में एक कदम है। पिछले दस वर्षों में बड़े पैमाने पर अंतरिक्ष डोमेन को फिर से परिभाषित करने की बात आती है तो इसरो एक गेम-चेंजर रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम टेक्निकल स्टाफ को अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने और बढ़ाने में सक्षम बनाएगा, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का स्थान ऊंचा हो सके। हम उनकी सफलता में योगदान देने के लिए तत्पर हैं क्योंकि वे भारत के लिए अंतरिक्ष का एक नया भविष्य तैयार करते हैं।
श्री टीवीएलएन राव, आरडी, आरडीएसडीई, कर्नाटक; श्री कुमारवेल, डीडी, आरडीएसडीई, कर्नाटक; श्री सी रवि, निदेशक, सीएफआई, डीजीटी; श्री परवीन कुमार, डीडी, डीजीटी; श्री मनीष गुप्ता, सहायक निदेशक, एमएसडीई; एन. सुधीर कुमार, निदेशक, सीबीपीओ, इसरो; और निशांत कुमार, उप निदेशक, इसरो की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू 5 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा।