हैदराबाद, 23 जुलाई, 2022: भारत के सबसे तेजी से बढ़ते बहुक्षेत्रीय शैक्षणिक संस्थान महिन्द्रा युनिवर्सिटी ने आज बहादुरपल्ली में युनिवर्सिटी कैंपस में अपना प्रथम दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि तेलंगाना सरकार में मंत्री श्री केटी रामा राव ने संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री आनंद महिन्द्रा ने की और इस अवसर पर भारत बायोटेक इंटरनेशनल के चेयरमैन डॉक्टर कृष्णा एल्ला विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थिति रहे।
अनुसंधान एवं विकास और उच्च शिक्षा पर केंद्रित होकर अंतर क्षेत्रीय वैश्विक शिक्षा का एजेंडा लेकर चल रही महिन्द्रा युनिवर्सिटी ने अपने कैंपस में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस का निर्माण करने के लिए डिजिटल परिवर्तन, परामर्श एवं बिजनेस रीइंजीनियरिंग सेवाएं एवं समाधान उपलब्ध कराने वाली अग्रणी कंपनी टेक महिन्द्रा के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इस सेंटर में क्वांटम कंप्यूटिंग, एक्सएआई और मेटावर्स जैसी नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त रूप से आरएंडडी की सुविधा होगी। इस साझीदारी का लक्ष्य नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में कौशल की कमी को दूर करने के लिए कौशल विकास करना है जिससे अधिक संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
श्री केटी रामा राव ने अपने दीक्षांत संबोधन में कहा, “जहां दुनिया वृद्धावस्था की ओर बढ़ रही है, वहीं भारत युवा हो रहा है और इस देश में युवा नए विचारों और ऊर्जा से लबरेज है और वह सही मायने में वैश्विक आकांक्षा के साथ दुनिया से मुकाबला करना चाहता है। हम अपने देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के बहुत करीब हैं और यह ऐसा अवसर है जब हमें हमारे भविष्य के बारे में सोचना है। भारतीय युवाओं में आधुनिक दुनिया के भविष्य को आकार देने की अनूठी क्षमता है और उसके पास इसका अवसर भी है। मैं उम्मीद करता हूं कि आप में से प्रत्येक एक नवयुवक के तौर पर ना केवल महान ज्ञान और कौशल के साथ, बल्कि समाज की बेहतरी में योगदान करने की चाहत और एक बार फिर परिवर्तनकारी बनकर इस दुनिया में कदम रखेगा। मैं सभी विद्यार्थियों और अवार्ड धारकों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देता हूं।“
श्री आनन्द महिन्द्रा ने कहा, “महिन्द्रा युनिवर्सिटी अपने सभी घटक संस्थानों में तालमेल बनाकर काम करने को प्रतिबद्ध है। एक अंतरक्षेत्रीय शिक्षा से पूरे दिमाग से सोचने की दिशा में तेजी लाने में मदद मिलेगी जिसमें विज्ञान एवं मानविकी दोनों शामिल हैं। भारत भावी शिक्षा के इस मॉडल के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता रखता है।”
महिन्द्रा एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन श्री विनीत नय्यर ने कहा, “कौशल विकास और प्रतिभा प्रबंधन कॉरपोरेट क्षेत्र के साथ ही इस देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रयोगात्मक तौर पर सीखने के दृष्टिकोण के साथ हम युवाओं की संभावनाओं का दोहन करने और इस देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान करने में मदद कर सकते हैं।”
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के विकास में बहुत ही गहराई से जुड़े रहे टेक महिन्द्रा के एमडी और सीईओ श्री सीपी गुरनानी ने अपने संबोधन में कहा, “डिजिटलीकरण बुनियादी रूप से खेल के नियम बदल रहा है और इसलिए हम अगली पीढ़ी की डिजिटल प्रौद्योगिकियों में हमारे विद्यार्थियों को कुशल बनाने में भारी निवेश कर रहे हैं जिससे उन्हें शीर्ष पायदान पर बनाए रखने में मदद मिल सके। महिन्द्रा युनिवर्सिटी और टेक महिन्द्रा के बीच समझौते से हम विद्यार्थियों का कौशल विकास बढ़ाते हुए समकालीन सीख पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इस दिशा में हमने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भावी रूप से तैयार करते हुए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का लक्ष्य रखा है।”
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी ने कहा, “महिन्द्रा युनिवर्सिटी की स्थापना वैश्विक चिंतकों का निर्माण करने के विजन के साथ की गई थी जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम और अनुसंधान आधारित सीख का मार्ग अपनाया गया। हमें हमारे स्नातकों पर गर्व है और हम उनके उज्ज्वल भविष्य का कामना करते हैं।“
इस दीक्षांत समारोह में महिन्द्रा युनिवर्सिटी की अत्याधुनिक आर्ट एक्सरे डिफ्रैक्शन सुविधा का भी उद्घाटन किया गया जिससे मॉलेक्यूलर साइंस में अनुसंधान एवं विकास में सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा, अत्याधुनिक लेक्चर हॉल कांप्लेक्स का भी उद्घाटन किया गया जिसमें कुल 500 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता है।