गैर अनुदानित संस्था के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकारी माना

( राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)

गैर अनुदानित संस्था प्रबंध समिति जीबी कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन बगड़ झुंझुनू से सेवानिवृत्त व्याख्याता पद से सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीमती राधा रानी की याचिका स्वीकार करते हुए राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने ग्रेच्युटी की राशि 6% ब्याज से भुगतान करने के आदेश दिए उल्लेखनीय है कि प्रार्थनी की नियुक्ति व्याख्याता पद पर 2 अगस्त 1982 को हुई थी तथा प्रार्थिनी को 31 दिसंबर 2002 को सेवानिवृत्त कर दिया परंतु ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया इससे व्यथित होकर के राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण के समक्ष याचिका प्रस्तुत की प्रार्थी के अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के प्रावधानों में कर्मचारी की परिभाषा को संशोधित कर दिया गया है ऐसी स्थिति में वर्ष 1997 से अध्यापक भी ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत कर्मचारी की परिभाषा में आते हैं तथा विपक्षी संस्था संस्थान की परिभाषा मे सम्मिलित हैं ऐसी स्थिति में प्रार्थिनी ग्रेच्युटी की राशि ब्याज प्राप्त करने के अधिकार रखती है विपक्षी संस्थान की तरफ से यह तर्क दिया गया कि प्रार्थिनी ग्रेच्युटी प्राप्त करने के अधिकार नहीं है तथा अधिकरण को ग्रेच्युटी के मामले निर्धारित करने का अधिकार नहीं है उन्हें पेमेंट आफ ग्रेच्युटी एक्ट के तहत जाना चाहिए तथा विपक्षी संस्थान गैर अनुदानित है जिसकी विपरीत प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क है कि प्रार्थनीय ने राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण के समक्ष धारा 21 के तहत सेवा संबंधी विवाद तय करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है क्योंकि ग्रेच्युटी सेवा संबंधी विवाद में आती है तथा उक्त अधिकरण को सेवा संबंधी विवाद तय करने का अधिकार है प्रार्थिनी ग्रेच्युटी प्राप्त करने के अधिकार है चाहे संस्था अनुदानित हो या नहीं क्योंकि यह अधिकार ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत दिया गया है जिसमें संस्था को अनुदानित होना जरूरी नहीं है मामले की सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश पारित किए

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