अजमेर एसपी मीणा के आवास पर एसीडी का छापा

अजमेर। जिला पुलिस कप्तान राजेश मीणा के आवास पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छापा मारा है। यह कार्यवाही जयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा की टीम ने डीआईजी गोविन्द नारायण के नेतृत्व में की है। इस कार्यवाही के पीछे के सच का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों की बात पर यकीन करें तो पूरा मामला किसी पुलिस अधिकारी की नियुक्ति को लेकर है, जिसने एसपी राजेश मीणा के खिलाफ  ब्यूरो के डीआईजी गोविन्द नारायण को शिकायत दी थी। शिकायत के पुख्ता होने के बाद डीआईजी गोविन्द नारायण के नेतृत्व में बुधवार को अजमेर, जयपुर और भीलवाड़ा की संयुक्त एसीडी टीम ने एसपी के जयपुर रोड स्थित आवास पर छापा मारा। यहां कार्यवाही की शुरुआत दोपहर बाद लगभग 3 बजे कर दी गई थी। एसपी मीणा के खिलाफ  कार्यवाही की खबर शहर भर में जंगल में आग की तरह फैली। कुछ ही देर में मीडिया का जमावड़ा एसपी आवास के बाहर लग गया। लेकिन एसीडी अधिकारियों के निर्देश के चलते किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या मीडियाकर्मी को आवास में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। फिलहाल ब्यूरो की टीम एसपी आवास में कार्यवाही को अंजाम दे रही है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि एसपी आवास में टीम ने कुछ दस्तावेज सहित बड़ी मात्रा में नगदी भी बरामद की है, लेकिन फिल्हाल इन खबरों की पुष्टि कोई भी अधिकारी करने को तैयार नहीं है।
हनुमानगढ लाइव डॉट कॉम के अनुसार 

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने आज अजमेर में पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा के सरकारी आवास में ड्राइंग रूम में एक बैग में दो लाख पांच हजार रुपए बरामद किए। मौके पर एसपी मीणा व उनके लिए थानाधिकारियों से रकम जुटाने वाला जोधपुर निवासी रामदेव बैठे मिले। वे इस रकम के बारे में कोई जवाब नहीं दे सके।
ब्यूरो के आईजी उमेश मिश्र ने बताया कि ब्यूरो को गत दिनों विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ था कि जोधपुर निवासी रामदेव अजमेर जिले के थानाधिकारियों से महीनेवार राशि वसूलता है और एसपी मीणा तक पहुंचाता है। शिकायत की पुष्टि के बाद डीआईजी गोविंद नारायण, एएसपी मुख्यालय हरदयाल सिंह व अजमेर एएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इस टीम ने सारी कार्रवाई को अंजाम दिया।
मिश्र ने बताया कि जब टीम एसपी के बंगले पर पहुंची तो थानाधिकारियों से राशि एकत्र कर रामदेव ड्राइंगरूम में एसपी राजेश मीणा के सामने बैठा था। बीच में रखी मेज पर बैग में दो लाख रुपए पांच हजार रुपए थे, जिन्हें जब्त कर लिया गया।
एसपी व रामदेव इस राशि का ब्यौरा नहीं दे सके लेकिन रामदेव ने स्वीकार किया कि वह एसपी के लिए राशि वसूलता है।
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