पुष्कर से मेडता रेलवे की बडी लाईन का कार्य़ शुरू करने की मांग

अजमेर 22 नवम्बर ( ) केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव के आज अजमेर आगमन पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश मुख्य संगठक व अजमेर संभाग के प्रभारी तथा अजमेर मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शैलेंद्र अग्रवाल ने रेलवे स्टेशन अजमेर पर उन्हे ज्ञापन देकर पुष्कर मेडता रेल लाइन को शीघ्र स्वीक्रति प्रदान कर व बजट आवंटीत कर कार्य प्रारंभ करने की मांग की है। शैलेंद्र अग्रवाल के साथ इस अवसर पर सेवादल के पूर्व जिला संगठक नरेश सोलीवाल व कमल कृपलानी भी साथ थे।
सेवादल नेता शैलेंद्र अग्रवाल ने रेल मंत्री श्री वैष्णव को दिये ज्ञापन में पुष्कर मेडता रेल लाइन के लाभ व आवश्यकता के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि:-
पृष्ठभूमि – अजमेर-मेडता रेलवे लाईन बिछाने से पहले अजमेर-पुष्कर सुरंग योजना प्रस्तावित थी जिसकी रूपरेखा राजस्थान सार्वजनिक निर्माण विभाग, अजमेर ने सन 1996 में बनाई थी. इस योजना में सुरंग को कोटडा गांव से नाग पहाड के दूसरी ओर बूढा पुष्कर से पहले स्काउट गाईड कैम्प तक बनाना था. इसकी स्वीकृति केंद्रीय वन विभाग, लखनऊ से समय पर प्राप्त न हो सकी. यदि सुरंग बनाकर रेल लाईन एवं सडक उसमें से डाली जाती तो अजमेर पुष्कर का 11 किलोमीटर का सडक मार्ग न सिर्फ 9 कि. रह जाता बल्कि पुष्कर घाटी की चढाई भी वाहनों एवं तीर्थ यात्रियों को नही चढनी पडती तथा विदेशों से मंगाये जाने वाले पेट्रोल-डीजल की बचत भी होती तथा दुर्घटनाओं में भी कमी आती. पीएचईडी की गनाहेडा से अजमेर वाया लीलासेवडी जो पाईप लाईन पहाड पर डाली हुई है, वह भी सुरंग के बाजू में डालने से तब पम्पिंग में बिजली की काफी बचत होती और अब जबकि गनाहेडा के स्त्रोत काम नही आ रहे है तो बीसलपुर का पानी अकाल के समय, पूष्कर सूखने पर, उसी पाईप लाईन से वहां पहुंचाया जा सकता था लेकिन यह कार्य़ समय पर नही हो सका। अब अजमेर पुष्कर के बीच बंद पडी रेल लाईन और उस पर प्रतिदिन होने वाले खर्चे को रोकने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर पुष्कर मेडता लाईन को बिछाने की कार्ऱवाही शीघ्र करे तो अजमेर मेडता का रेल मार्ग चालू हो जायगा इसके अतिरिक्त इस लाईन के शुरू होने से कई फायदें हैं ।
उदाहरणार्थ:-
तीर्थराज पुष्कर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यहां से मीरा बाई की नगरी मेडता सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है।
अजमेर में राजस्थान का राजस्वमंडल स्थित है जहां जमीन संबंधी प्रकरणों के फैसलें किए जाते है. अधिकांश प्रकरण श्रीगंगानगर और हनुमानगढ जिलों के होते है. वर्तमान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, बीकानेर आदि से अजमेर आने के लिए सीधा एवं सुगम रेल मार्ग नही है. इससे किसानों को काफी तकलीफ उठानी पडती है, उन्हें जयपुर होकर आना पडता है. इस रेल मार्ग के बन जाने से उनकी दिक्कतें दूर हो जायगी।
अग्रवाल ने बताया कि इस रेल मार्ग के बन जाने से पंजाब जाने-आने का वैकल्पिक मार्ग खुल जायगा जिससे अजमेर-दिल्ली रेल मार्ग का दवाब, जो कि वर्तमान में बहुत अधिक है, कम हो जायगा।
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ मंडियों की कृषि उपज को द्रुतगति एवं कम दूरी में अहमदाबाद, सूरत, कांडला एवं मुम्बई बंदरगाहं पर भेजा जा सकेगा इस तरह यह एक व्यापारिक कॉरीडोर बन जायगा।
यह लाईन सामरिक महत्व की है क्योंकि नसीराबाद छावनी से जोधपुर की तरफ जाने हेतु अपेक्षाकृत छोटा मार्ग उपलब्ध हो जायगा।
शैलेंद्र अग्रवाल ने रेल मंत्री को दिये ज्ञापन में बताया कि मेडता-पुष्कर जुडने से अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह, जैन धर्मावलम्बियों की सोनीजी की नसियां एवं नारेली तीर्थ, तीर्थ गुरू पुष्कर, श्रीरंगनाथ स्वामी एवं ब्रह्माजी का मंदिर, भुवालमाता का मंदिर और मेडता स्थित मीराबाई के इष्टदेव चारभुजाजी का मंदिर आपस में जुड जायेंगे. इससे धार्मिक पर्य़टन को भी बढावा मिलेगा.
पुष्कर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को चारों ओर से रेल मार्ग द्वारा पहुंचने की सुविधा हो जायगी. पुष्कर पशु मेले का भी प्रसार होगा.
पुष्कर से रामदेवरा जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सीधे ही आवागमन की सस्ती और कम अवधि की सुविधा मिल जायगी क्योंकि उन्होंने बताया कि अजमेर-पुष्कर- मेडता जोधपुर मार्ग वर्तमान के अजमेर-मारवाड-जोधपुर से छोटा पडेगा। इसी तरह गोगामेडी जानेवालों को भी सुविधा हो जायगी। नागौर जिले के पिछडे ईलाकें (बाडीघाटी, थांवला, भैरून्दा, छोटी एवं बडी रियां, भुवाल माता इत्यादि) का द्रुतगति से विकास होगा.वर्तमान में यहां रोजगार के सीमित साधन है। पानी की कमी से खेती की उपज भी कम है और उद्योग धंधें है नही। इस लाईन के बन जाने एवं सिचाई की अधिक व्यवस्था हो जाने से क्षेत्र का विकास होगा.
अग्रवाल ने बताया कि पुष्कर क्षेत्र की मुख्य उपज मसलन गुलाब, आंवला,जामुन, फालशा इत्यादि पर आधारित छोटी छोटी औद्योगिक ईकाइयों के माल (गुलकंद, इत्र, गुलाबजल, आंवले का मुरब्बा) को बाहर भेजने की अधिक सुविधा हो जायगी.
पींसागन-गोविन्द गढ क्षेत्र के प्याज एवं मिर्च जैसे कृषी उत्पादन एवं इनसे बने सूखे पाउडर उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
गोटन (मेडता के पास) के पास चूना उद्योग का भी विकास होगा पास की सीमेंट फैक्ट्री की सीमेंट को बाहर भिजवाने की अतिरिक्त सुविधा मिल जायगी।
शैलेंद्र अग्रवाल इस रेल मार्ग के बन जाने से मीरा बाई की जन्म स्थली मेडता से उनकी शरण स्थली द्वारका तक चारभुजा एक्सप्रेस चलाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि नवीनतम जानकारी के अनुसार इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार की स्वीकृति भी है और उसने एक करोड की टोकन मनी भी जारी करदी है, अब उचित तो यह होगा कि प्रस्तावित लाईन हेतु जमीन अधिग्रहण का काम सरकार शुरू करे. जिनकी जमीनें ली जाय, उनकी रजामंदी होने पर, उन्हें उचित मुआवजा अथवा राज्य के अन्य सींचित क्षेत्रों में जमीने दी जाय. उसी क्षेत्र में रेलवे की तीसरी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती में उनके परिवारिक इच्छुक सदस्यों को प्राथमिकता दी जाय.। च्मतउंदमदज ॅंल यानि रेलवे लाईन के लिए बनने वाले रास्ते को मनरेगा (डळछत्म्ळै) के तहत बनवा लिया जाय बाकी कार्य रेलवे विभाग करे।
रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने सेवादल नेता शैलेंद्र अग्रवाल, नरेश सोलीवाल व कमल कृपलानी को ज्ञापन पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

शैलेंद्र अग्रवाल, पूर्व सदस्य
अजमेर मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति, अजमेर
अजमेर संभाग प्रभारी
कांग्रेस सेवादल राजस्थान
9414280962,7891884488

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