भारत-पाक के बीच चलने वाली ट्रेन की सुरक्षा महिला कमांडों के हाथ

भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन थार एक्सप्रेस की सुरक्षा अब एक विशेष महिला बटालियन करेगी। यह पहला मौका होगा जब महिला बटालियन की तैनातगी थार एक्सप्रेस की सुरक्षा के लिए की जाएगी।

रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद सीमा सुरक्षा बल ने निर्णय को अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस की सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल के पास है। सीमा सुरक्षा बल बाड़मेर फ्रंटियर के डीआईजी माधोसिंह चौहान ने बताया कि गुजरात फ्रंटियर के दस कमांडों मिलेंगी। मुनाबाव में इन महिला बटालियन की तैनातगी से थार एक्सप्रेस की सुरक्षा में तैनात जवानों को काफी मदद मिलेगी।

भारत और पाक के बीच चलने वाली इस ट्रेन में दोनों ही देशों के यात्री काफी तादाद में आते है। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए बड़ी तादाद में पाक जायरीन भारत आते है। वहीं पाकिस्तान में रह रहे अपने रिश्तेदारों से मिलने भारतीय भी इसी ट्रेन से पाकिस्तान जाते है।

रक्षा मंत्रालय ने राजस्थान से सटी पाक सीमा पर चौकसी के लिए एक बार फिर पुरानी व्यवस्था को मंजूरी दी है। इसके तहत सीमा पर कंटीले तारों से तारबंदी सीमेंट के खंभों पर की गई है। कांटेदार तारों की चार से पांच लडि़यां इन पर लगी हुई है। अब इन तारों की चारों लडि़यों पर छोटी-छोटी घंटियां लगा दी गई हैं। सबसे ज्यादा घंटियां सबसे नीचे लगी हुई तार पर लगाई गई हैं। ज्यों ही कोई व्यक्ति रेंगकर इनके नीचे से आना चाहता है तो थोड़ी सी हलचल या शरीर लगने से घंटियां बज उठती हैं। इससे सीमा पर गश्त कर रहे जवान चौकन्ने हो जाते हैं। इसी प्रकार की घंटियां कंटीले तारों की सभी लडि़यों पर लगाई गई हैं, ताकि किसी द्वारा ऊंचाई से तारों के बीच से निकलने की कोशिश कामयाब न हो सके। सीमा सुरक्षा बल के जवान इस नई सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट हैं।

गौरतलब है कि पहले भी यही व्यवस्था थी, लेकिन बीच में कुछ समय के लिए सीमा पर तारबंदी पर बिजली के तारों से करंट लगाया गया था, लेकिन पाकिस्तान से आने वाले घुसपैठियों की आवक पर इससे असर नहीं हुआ। घुसपैठियों ने करंट वाले तारे लगने के बाद नया प्रयोग करते हुए घुसपैठ से पहले मृत जानवर भारतीय सीमा में डालना शुरू कर दिया,जानवरों के तारों से लगते ही सीमा सुरक्षा बल के जवान करंट बंद कर जांच में जुट जाते ओर घुसपैठिये मौके का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते थे।

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