केकड़ी 25 दिसम्बर(पवन राठी राठी )देवगांव गेट विद्यासागर मार्ग स्थित श्री चंद्रप्रभु जैन चैत्यालय में रविवार को प्रातः 7.00 बजे से जैन धर्म के आदि भगवान ऋषभदेव का श्रद्धालुओं द्वारा सांगानेर से पधारे विधानाचार्य पंडित डाॅ. किरण प्रकाश शास्त्री के मुखारविंद से उच्चारित मंत्रोच्चारण के बीच रजत कलशों से अभिषेक पाठ के बाद विधिवत जलाभिषेक किया गया और विश्व में सभी प्रकार की सुख-समद्धि शांति की कामना के लिए शांतिधारा की गई।
इसी अवसर पर शांतिधारा उपरांत श्रावक श्राविकाओं ने अष्ट द्रव्यों से नवदेवता पूजन,नित्यमह पूजन मधुर स्वर लहरियों के साथ श्रद्धा पूर्वकं की। इसके बाद भगवान आदिनाथ के गुणों का ध्यान,स्मरण, स्तवन संस्कुत के भक्तामर महा मंडल विधान के माध्यम से कर धर्म लाभ ले पुण्य संचय किया।प्रभु भक्ति ही हम सभी के जीवन को सार्थक बनाती है।
संगीतमय विधान से परिसर धर्ममय हो गया, बड़ी संख्या मे मौजूद श्रद्धालु भक्तों ने नाचते गाते हुए प्रभु भक्ति की। धार्मिक आयोजन के बीच बीच में विधानाचार्य पंडित डॉ. किरण शास्त्री एवं जयपुर से पधारे गायकार नरेन्द्र जैन ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति देकर भक्ति भाव प्रकट किया।
विधानाचार्य पंडित डाॅ.किरण प्रकाश शास्त्री ने अपनी मधुर वाणी से भक्तामर के प्रत्येक 48 काव्यो का बड़े ही सरल एवं सुमधुर शब्दों से व्याख्या कर सरलता से इसके महत्व को समझाया।
भक्तामर मंडल पूजन विधान पश्चात भक्तामर स्तोत्र के 48 रिद्धि सिद्धि मंत्रों के अर्ध समर्पित किये। साथ ही 108 मंत्रो के माध्यम से माला जाप की।
महाअर्ध समर्पण,शांतिपाठ, विसर्जन विधि के सम्पन्न होने के बाद श्रद्धालुओं ने सामूहिक जिनेन्द्र देव एवं भक्तामर महा मंडल विधान की महामंगल आरती उतारी।
समाज बंधुओं ने विधानाचार्य पंडित डाॅ. किरण प्रकाश जैन शास्त्री का तिलक, माल्यार्पण, मोमेंटो भेट कर स्वागत सम्मान किया।
*इन्हें मिला लाभ…*
प्रथम अभिषेक शांतिधारा का सौभाग्य ज्ञानचंद आशीष कुमार डेवडिया ने प्राप्त किया। पश्चात शांतिधारा का लाभ मैना देवी अंकित कुमार पाटनी, सुरेन्द्र कुमार अजय कुमार सोनी, कैलाश चंद आनंद कुमार सोनी, प्रकाश चंद विकास कुमार पाण्डया,भंवर लाल अरिहंत बज, कैलाश चंद अभिषेक कुमार पाण्डया परिवार को मिला।
मंडल विधान पर मुख्य मंगल कलश स्थापना का सौभाग्य अंजना देवी कमल कुमार विनोदिनी ठोलिया परिवार को मिला।
मंगल कलश स्थापना का लाभ माधुरी देवी मनीष कुमार टोंग्या,सज्जन कुमार संजय कुमार पाण्डया, कैलाश देवी महावीर प्रसाद टोंग्या, कैलाश चंद अभिषेक कुमार पाण्डया परिवार ने प्राप्त किया।
दीपक स्थापना अखिलेश कुमार अंकुर कुमार सोनी परिवार ने की।
*भव्य भजन संध्या का आयोजन….*
*एक शाम भगवान चंद्रप्रभु के नाम..*
चंद्रप्रभु चैत्यालय में शनिवार शाम को 7.30 बजे से भव्य भजन संध्या ” एक शाम भगवान चंद्रप्रभु के नाम ” का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर इस भव्य भजन संध्या का आनंद लिया। कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भक्तिपूरण सुंदर सुमधुर भजनों एवं धर्म गीतो की प्रस्तुतियों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया और भजन संध्या को सफल बनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंच उद्धाटन फीता खोलकर महावीर प्रसाद इन्द्रा देवी पदमचंद सुनिता देवी परिवार बीजवाड़ वालों ने किया।
भगवान चंद्रप्रभु एवं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के तेलीय चित्र का अनावरण प्रमोद कुमार सुनिता देवी प्रेमचंद इन्दु देवी बाकलीवाल परिवार ने किया। दीप प्रज्जवलन भंवर लाल बज मंजू बज अरिहंत बज रितू बज परिवार ने किया।
गायक आदि जैन ने संगीतमय मंगलाचरण का उच्चारण कर प्रभु वंदना की।
चार घंटे अनवरत चले भव्य भजन संध्या कार्यक्रम में जयपुर से पधारे गायक नरेन्द्र जैन की प्रस्तुतियां केकड़ी नगर के चैत्यालय का मंदिर आलीशान,जिनशासन सिंहासन पर है चंद्रप्रभु भगवान, पूजते रहते तुझे सांझ सवेरे, ये मेरी मर्जी है मैं वेसा बन जाऊं जो तेरी मर्जी है, जैन धर्म की शान है विद्यासागर धरती पर भगवान है विधासागर , तेरे जीवन में खुशियां तमाम आयेगी जो मां की दुआ तेरे काम आयेगी, जिन के सर पंर ममता की दुआएं हैं किस्मत वाले हैं जिनके मां है सहित कई सुमधुर भजनों से श्रोतागण प्रभु भक्ति के सागर में डुबकियां लगाते, डूबते उतरते रहे।
आदि जैन के गाये प्रसिद्ध भजनों से आनंदित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।और प्रभु भक्ति में झूमने लगे।
गायिका निकिता ललवानी द्वारा दी गई भजनों की प्रस्तुतियों कभी वीर बनके महावीर बनके चले आना प्रभुजी चले आना सहित कई भजनों की प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर कर दिया और झूम उठे भक्त गण।
जयपुर से पधारे नरेन्द्र जैन एण्ड पार्टी से संगीतकार नरेन्द्र जैन गायक आदि जैन, निकिता ललवानी के साथ वाद्ययंत्र बादक ढोलक पर कमल ,की बोर्ड पर चिंटू ओ सी टी ए पैड पर राजन और मोहित के शानदार तालमेल ने समां बांध दिया।
कार्यक्रम से पू्र्व सभी कार्यक्रम पुण्यार्जको का तिलक माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।