पार्श्वनाथ कॉलोनी में प्रवचन देते हुए यशस्विनी माताजी ने कहा कि जीवन का हर पल हर क्षण कम होता जा रहा है हम एक आयु लिखा कर आए हैं उस आयु में से हर समय एक पल खत्म होता जा रहा है जीवन के अंदाज़ को किस तरह जीवित रखना है विषय सोचने लायक है आएंगे भी और जाएंगे भी लेकिन करके इस धरा से किस तरह जाएंगे कि लोग हमें हमेशा याद रखें
संसार सागर की वैतरणी को पार करने के लिए पुण्य योग आवश्यक होता है और यह पुण्य योग धर्म क्रियाओं से उत्पन्न होता है बाहरी आवरण मैं मन ना उलझे इस बात का ध्यान हमेशा रखना है
झूठ एक बार बोलो या अनेक बार झूठ झूठ होता है सच्चाई की राह पर चलने वालों की कभी हार नहीं होती है
अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि प्रवचन से पूर्व मंगलाचरण संपन्न हुए प्रवचन में महावीर अजमेरा कमल सोगानी सुनील पल्लीवाल मनीष पाटनी अशोक अजमेरा विपिन चांदीवाल विशाल अजमेरा दीपक पाटनी माणक बड़जात्या गौरव पाटोदी उपस्थित थे