राहुल गांधी कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद स्वभाविक नेता है। राहुल का स्थान कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद पार्टी में दूसरे नंबर पर है। 18 से 20 जनवरी तक जयपुर में होने वाले कांग्रेस चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने जयपुर आए कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेद्वी और अंबिका सोनी ने शनिवार को एक बातचीत में यह बात कही।
द्विवेद्वी ने कहा कि राहुल गांधी का स्थान पार्टी में पहले से ही सुरक्षित है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित सभी बड़े नेता यह बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री एवं उनके हाथ में पार्टी नेतृत्व सौंपे जाने के सवाल पर द्विवेद्वी ने कहा कि अभी भी वे पार्टी के काम-काज को संभाल रहे है, जरूरत होती है वहां पार्टीजनों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी देते हैं।
वहीं अंबिका सोनी ने कहा कि राहुल गांधी योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ रहे हैं। राहुल के हाथ में कांग्रेस की कमान सौंपे जाने को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए वे वर्तमान में भी पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद वे भी संगठन को दिशा दे रहे हैं। राष्ट्रीय चिंतन शिविर और एआईसीसी अधिवेशन में पार्टी की भावी रणनीति पर चर्चा होगी।
जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में 18 और 19 जनवरी को चिंतन शिविर एवं 20 जनवरी को एआईसीसी का अधिवेशन होना है। तीन दिन तक जयपुर में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सभी बड़े नेता जयपुर में रहेंगे। शिविर की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, महासचिव जनार्दन द्विवेद्वी, अंबिका सोनी, ऑस्कर फनार्डस मुकुल वासनिक सहित आधा दर्जन नेता आज जयपुर आए। उन्होंने शिविर की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान के साथ बैठक की। शिविर संयोजक अंबिका सोनी ने शिविर स्थल बिड़ला सभागार का दौरा करने के बाद कहा कि चिंतन शिविर पूरी तरह सादगी वाले माहौल में होगा। इंतजाम ऐसे हों कि डेलीगेट को कोई परेशानी नहीं हो। अहमद पटेल ने निर्देश दिए हैं कि सरकार की तरफ से कोई खर्चा नहीं होगा। इसी हिसाब से सारी व्यवस्थाएं होगी। शहर के बीच चिंतन शिविर के आयोजन से आम जनता को होने वाली परेशानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यही बात समझाई गई है कि जयपुरवासियों को किसी तरह की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़े, नहीं तो शिविर का मकसद सफल नहीं होगा। शहरवासियों को काम पर जाने में और बाहर निकलने में कोई परेशानी हो इसको देखते हुए रास्ते भी ऐसे चुने जाएंगे। हमने खास तौर पर कहा है कि लोग बसों में आएं।
उल्लेखनीय है कि बिड़ला ऑडिटोरियम में तीन दिन तक चलने वाले चिंतन शिविर और एआईसीसी अधिवेशन में आने वाले बड़े नेताओं की वजह से यातायात अस्त व्यस्त होने की आशंकाएं थी। डेलिगेट को होटलों से बिड़ला ऑडिटोरियम तक बसों में ले जाने की व्यवस्था करने से यातायात अस्त व्यस्त होने की समस्या काफी हद तक कम होगी।