भाजपा सरकार ने आकर प्रताप महान पढ़ाना शुरू किया

कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति के चलते राजस्थान बोर्ड की पुस्तकों वर्षो तक अकबर महान पढ़ाया, भाजपा सरकार ने आकर प्रताप महान पढ़ाना शुरू किया
विधानसभा चुनाव नजदीक देख गहलोत ने की अब महाराणा प्रताप बोर्ड बनाने की घोषणा-देवनानी
– केवल जनता को गुमराह करने के लिए घोषणाएं कर रहे हैं गहलोत
– कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार साल में पहले क्यों नहीं की घोषणा
– बिना फ्रेमवर्क के घोषणा करने से अमल पर नजर आता है संशय

वासुदेव देवनानी
अजमेर, 22 मई। पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा चुनाव नजदीक आता देख कर जनता को गुमराह करने के लिए घोषणाएं कर रहे हैं। यह बात खुद गहलोत सहित सभी को अच्छी तरह मालूम है कि इनमें से अनेक घोषणाएं तो धरातल पर उतर ही नहीं पाएंगी, क्योंकि किसी भी घोषणा पर अमल की प्रक्रिया होती है। गहलोत को केवल घोषणाओं का फोबिया लगा हुआ है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण के चलते वर्षो तक गलत इतिहास पढ़ाया अकबर महान पढ़ाया, भाजपा सरकार ने आकर अकबर महान की जगह महाराणा प्रताप महान पढ़ाना शुरू किया ,हमने महाराणा प्रताप के गौरव को सम्मान दिया ।
देवनानी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को पिछले साढ़े चार साल से चल रही है। गहलोत कई बोर्ड और निगम बनाने की घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन उन्हें महाराणा प्रताप अभी तक याद नहीं आए थे। अब चूंकि इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए अब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड बनाने की घोषणा की है। इस घोषणा का मकसद साफ है। जनता यह बात अच्छी तरह जानती है। गहलोत चाहे कितनी ही घोषणा कर लें, जनता किसी तरह के छलावे में नहीं आएगी।
देवनानी ने कहा कि इससे पहले भी अनेक ऐसी घोषणाएं कर चुके हैं, जिनको अमल में लाने का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। गहलोत विधानसभा चुनाव नजदीक आते देखकर केवल शगूफे छोड़ने के साथ जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही गहलोत ने महाराणा प्रताप बोर्ड बनाने की घोषणा की है और कर भी सकते हैं, लेकिन अजमेर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ फोकट ही घोषणा कर झूठी वाहवाही लूटने का स्वांग कर रहे थे। उन्होंने कहा, राठौड़ ने ऐसे घोषणा की, जैसे वे खुद मुख्यमंत्री या मंत्री हों। जबकि राठौड़ का अपने भाषण में मुख्यमंत्री की घोषणा का हवाला देना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं दिया था। राठौड़ का भाषण पूरी तरह जनता को गुमराह करने वाला था।
देवनानी ने कहा, गहलोत ने भी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड बनाने की घोषणा कर केवल जनता को गुमराह करने का काम किया है। जब भी कोई बोर्ड या निगम बनाया जाता है, तो उसकी घोषणा करने से पहले ही उसका सारा फ्रेमवर्क तैयार कर लिया जाता है। मसलन, बोर्ड या निगम के क्या उद्देश्य होंगे, क्या काम करेगा, कितना बजट होगा। कार्य प्रक्रिया क्या होगी। स्मारक कितने बनाए जाएंगे आदि-आदि। प्रारूप यानी फ्रेमवर्क तैयार होता है, तो घोषणा पर अमल भी जल्द होता है। लेकिन मुख्यमंत्री ने बिना फ्रेमवर्क के घोषणा की है, जिससे इसके अमल पर संशय नजर आता है।
देवनानी ने कहा कि वैसे महाराणा प्रताप बोर्ड बनाने की घोषणा अच्छी है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि इस बोर्ड का भी कहीं वही हश्र ना हो जाए, जो अन्य बोर्डों और निगमों का हो रहा है। कहीं अन्य बोर्डो की तरह महाराणा प्रताप बोर्ड भी केवल कागजों तक सिमट कर नहीं रह जाए।

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