मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का मित्तल हॉस्पिटल में रोगी को मिला लाभ
सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने दूरबीन से की सर्जरी
अजमेर, 16 जून()। पाली के रहने वाले कानाराम की किडनी से 70 एमएम के स्टोन को मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने दूरबीन से सर्जरी कर एक ही बार में बाहर निकाल दिया।
रोगी कानाराम को प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में इस सर्जरी को ओपन चीरा लगाकर करने को कहा जा रहा था किन्तु पहले ही एक बार ओपन हार्ट सर्जरी करा चुके कानाराम को यह स्वीकार नहीं था। दूरबीन से सर्जरी किए जाने की स्थिति में भी चिकित्सकों ने इतने बड़े स्टोन को दो बार में निकालने के लिए कहा था।
मित्तल हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने बताया कि रोगी की अवस्था को देखते उन्होंने भी प्रारम्भिक तौर पर 65 से 70 एमएम के स्टोन को बाहर निकालने के लिए दो बार सर्जरी करने की ही समझाइश की थी किन्तु रोगी की फिजिकल कंडीशन को देखते हुए एक बार में ही सर्जरी का निर्णय किया और उसमें वे सफल भी हुए। ओपन सर्जरी किए जाने की स्थिति में रोगी के शरीर पर 12 से 15 टांके आते और उसकी रिकवरी भी देरी से होती।
यूरोलॉजिस्ट डॉ सन्तोष कुमार धाकड़ ने बताया कि रोगी के दायीं और बायीं दोनों ही किडनी में पथरी की शिकायत थी। खास बात रही कि 70 एमएम की पथरी होने पर भी बायीं किडनी से मरीज को किसी तरह की तकलीफ नहीं थी। इसके विपरीत दायीं किडनी में 12 एमएम की पथरी थी किन्तु वह रोगी को काफी दर्द दे रही थी। क्योंकि वह रोगी के पेशाब मार्ग में आकर बार—बार अटक जाया करती थी। रोगी ने अजमेर से बाहर जहां भी चिकित्सालयों में दिखलाया वहां उसकी दायीं किडनी से पथरी निकाल दी गई। बायीं किडनी से 70 एमएम की पथरी निकालने के लिए एक से अधिक बार सर्जरी करने या फिर ओपन चीरा लगाकर उपचार करने की सलाह दी गई। वृद्धाश्रम पाली में कई सालों से अपनी सेवाएं दे रहे कानाराम को वहां के सीनियर सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद जैथलिया ने अजमेर के मित्तल हॉस्पिटल जाकर परामर्श लेने की सलाह दी। जहां पहुंचने पर पहले रोगी की सभी आवश्यक जांच की गई फिर रोगी का दूरबीन से उपचार कर दिया गया।
उल्लेखनीय है यह सर्जरी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में किए जाने के कारण मित्तल हॉस्पिटल में स्वास्थ्य लाभ पाते हुए रोगी का जरा भी खर्च नहीं हुआ। रोगी कानाराम ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में बिना किसी खर्च के उन्हें अच्छा उपचार मिला। यहां उन्हें नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों का बहुत ही अच्छा स्वभाव लगा। हॉस्पिटल की स्वच्छता एवं भोजन व्यवस्था भी काफी अच्छी लगी। सर्जरी होने के 48 घंटे बाद उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।
हार्ड वाटर पथरी होने का एक कारण……….
डॉ सन्तोष धाकड़ ने बताया कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है जहां पथरी की बीमारी बड़ी आम हो गई है। यहां का वातावरण एवं हार्ड वाटर के कारण स्टोन पीड़ितों की संख्या अधिक है। खाने पीने के प्रति जागरूक रहने की स्थिति में स्टोन की समस्या से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में 99 प्रतिशत सर्जरी दूरबीन के जरिए की जा रही हैं जो कम से कम दर्द और तेजी से रिकवरी देने के कारण पीड़ितों की प्राथमिकता पा रही है।
एक ही छत के नीचे मिलती है गुणवत्तापूर्ण सेवाएं……..
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत सभी सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होने से अनेक रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। एक ही छत के नीचे उपलब्ध आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से संभाग भर से रोगी यहां गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैं। मित्तल हॉस्पिटल केंद्र सरकार (सीजीएचएस),राजस्थान सरकार (आरजीएचएस) व रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों ईसीएचएस, ईएसआईसी सहित सभी टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है।