रोगी के स्वरतंत्र में कैंसर की गांठ का चिरंजीवी योजना में हुआ ऑपरेशन

मित्तल हॉस्पिटल के सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन ने किया उपचार
अजमेर, 29 जून()। अजमेर के मुस्लिम मोची मोहल्ला निवासी 64 वर्षीय मूलचंद के गले के स्वरतंत्र में कैंसर की गांठ का मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार किया गया।
मित्तल हॉस्पिटल के सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन ने यह जटिल ऑपरेशन किया। रोगी की पत्नी श्रीमती ज्योति ने बताया कि उनके पति पिछले लम्बे समय से गले के स्वरतंत्र में कैंसर की गांठ से पीड़ित थे। बहुत अधिक बलगम बनता था। कई बार खांसने पर मुंह से ब्लड आता था। खाना-पीना भी तकलीफ वाला हो गया था। शरीर पूरी तरह कमजोर होता जा रहा था। सभी परिवारजन बहुत ही मुश्किल में पड़ गए थे। विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सकों को दिखाया तब जांच में कैंसर का पता चला। ऐसे में उपचार के लिए भगवान पर ही असरा था। लोगों ने मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन से मिलने की सलाह दी। डॉ अर्पित जैन ने जांच के बाद मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मित्तल हॉस्पिटल में ही उनका बिना कोई पैसा खर्च के ऑपरेशन कर उपचार करने का परामर्श दिया। रोगी की पत्नी ज्योति ने बताया कि डॉक्टर की बात सुनकर ऐसा लगा कि जैसे स्वयं भगवान ही उनकी मदद के लिए धरती पर डॉक्टर बनकर सामने आ गए हैं। उन्होंने ऑपरेशन के लिए हाँ कर दी। आज उनके पति स्वस्थ हैं। वह फोटोअप जांच के लिए रोगी पति के साथ हॉस्पिटल आई है। वह भगवान के रूप में डॉक्टर अर्पित जैन का बहुत-बहुत धन्यवाद करती है साथ में राजस्थान सरकार भी करती है जिसने उन जैसे पीड़ितों के उपचार के लिए निःशुल्क मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर रखी है।
स्वरतंत्र के कैंसर की चौथी स्टेज थी…………………………
सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन ने बताया कि रोगी मूलचंद जिस अवस्था में उनके पास आए थे वह स्वरतंत्र के कैंसर की गांठ की चौथी स्टेज थी। इस अवस्था में गले में आस-पास और भी गांठ बन जाती हैं। इसका उपचार ऑपरेशन से ही संभव होता है। यह एक बड़ा और जटिल ऑपरेशन होता है। सामान्य तौर पर स्वरतंत्र का उपचार बिना ऑपरेशन के भी होता है किन्तु वह बहुत ही प्रारम्भिक अवस्था में होने पर ही संभव होता है। रोगी मूलचंद जिस अवस्था में थे उनके ऑपरेशन में बहुत जटिलता थी। कैंसर की गांठ के आस -पास खाने की और श्वास की नली थी जिन्हें अलग करके कैंसर की गांठ को निकाला जाता है। रोगी का ऑपरेशन कर रोग का हटाने से पहले उनके श्वास का रास्ता बनाना पड़ता है।
डॉ अर्पित जैन ने बताया मित्तल हॉस्पिटल में सभी आधुनिक चिकित्सा उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण रोगी का ऑपरेशन सफल रहा। रोगी अच्छी रिकवरी कर रहा है और जल्द ही स्वस्थ हो रहा है। उनकी आवाज भी मशीन के जरिए शीघ्र ही लौट आएगी।
डॉक्टर तो सिर्फ अपना कर्म करता है………………
अन्तर्राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर डॉ अर्पित जैन ने कहा कि रोगी के उपचार में डॉक्टर के अलावा भी बहुत से कारक होते हैं जिनसे रोगी जल्दी स्वास्थ लाभ पाता है। यह सामुहिक प्रयास है। सभी का अपना अपना पार्ट होता है। लोग डॉक्टर को भगवान का दर्जा देते हैं यह उनका विचार और संस्कार हैं। डॉक्टर तो अपना कर्म करने में विश्वास रखता है जिसकी उसने इस नोबल पेशे में आने पर शपथ ली है।

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