नई दिल्ल, अगस्त 2023: राष्ट्रव्यापी स्तर पर अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में उद्योगों और युवा व्यक्तियों दोनों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की शुरुआत की। आज एनएपीएस में डीबीटी के शुभारंभ के अवसर पर मंत्री द्वारा एक लाख अप्रेंटिस को लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।
2016 में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम की शुरुआत से लेकर 31 जुलाई 2023 तक कुल 25 लाख युवाओं को अप्रेंटिस के रूप में शामिल किया गया है। वित्त वर्ष 23-24 में लगभग 2.6 लाख अप्रेंटिस ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
सभी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के सक्रिय प्रयासों के कारण सक्रिय इस्टैब्लिशमेंट की संख्या 2018-19 में 6,755 से बढ़कर 2023-24 में 40,655 हो गई।
इस पहल की सराहना करते हुए, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज हमारे देश में अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण दिन है। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम में डीबीटी का शुभारंभ हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अप्रेंटिसशिप स्किलिंग को महत्वाकांक्षी बनाने के साथ-साथ एनईपी में सीखने के साथ-साथ कमाई को प्रोत्साहित करने के विज़न को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने उन सभी 1 लाख अप्रेंटिस को बधाई दी, जिन्हें आज डीबीटी के माध्यम से स्टाइपेंड मिला है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि हमारे देश के युवाओं को कौशल के साथ सशक्त बनाना हमारा विज़न है, और एनएपीएस के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की शुरूआत पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में एक कदम है। एक कुशल कार्यबल सर्वोपरि है, और हमारी बहुआयामी रणनीति, जिसमें नीति विकास, उद्योग तालमेल और बढ़ी हुई मान्यता शामिल है। भारत के समावेशन और विविधता के मूल मूल्यों के अनुरूप, अप्रेंटिसशिप पर आज का चिंतन शिविर एक महत्वपूर्ण मिशन पर जोर देता है। ”एक साथ मिलकर, हम एक ऐसा भविष्य तैयार करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं जहां हर व्यक्ति की क्षमता को उसकी सच्ची अभिव्यक्ति मिलेगी, उन्होंने आगे कहा।”
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने महाराष्ट्र, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ वाइब्रेंट इंडस्ट्री क्लस्टर और उत्साही अप्रेंटिस के साथ बातचीत की। एनएपीएस की शुरुआत के बाद से अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग शुरू करने वाले इस्टैब्लिशमेंट की संख्या में 488% से अधिक की वृद्धि हुई है। अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग को अपनाने से हमारे देश के कार्यबल और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उनमें से कुछ महरत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए), हिमाचल प्रदेश से बद्दी क्लस्टर और नॉर्थ मालाबार कंसोर्टियम इंडस्ट्री क्लस्टर थे।
एमएसडीई ने सभी हितधारकों के बीच अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम्स को बढ़ावा देने के लिए “अप्रेंटिसशिप इंगेजमेंट को बढ़ाना” पर चिंतन शिविर का भी आयोजन किया। इस सेशन का मुख्य पहलू अन्य केंद्रीय और राज्य सरकारों, उद्योग निकायों और निजी क्षेत्र सहित विभिन्न संस्थाओं की भूमिका और जिम्मेदारी को बढ़ाना है।
चिंतन शिविर को क्रमशः अप्रेंटिसशिप को आकांक्षी बनाने के लिए स्टेकहोल्डर्स कन्वर्जेंस, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियाँ और अभ्यास, और एक विविध और समावेशी अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम बनाने पर आधारित तीन ब्रेकआउट सत्रों में विभाजित किया गया था।
इन सत्रों की सह-अध्यक्षता श्रीमती सोनल मिश्रा, ज्वाइंट सेक्रेटरी, एमएसडीई, एडिशनल सेक्रेटरी, एमएसडीई और श्रीमती सौम्या गुप्ता, ज्वाइंट सेक्रेटरी, एमओई एमएसडीई; त्रिशालजीत सेठी, एडिशनल सेक्रेटरी, डारेक्टर जनरल, डीजीटी, एमएसडीई और श्री वेद मणि तिवारी, सीईओ, एनएसडीसी और एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल; श्री. निलाम्बुज शरण, सीनियर इकोनॉमी एडवाइजर, एमएसडीई और श्रीमती हीना उस्मान, ज्वाइंट सेक्रेटरी, एमएसडीई द्वारा की गई।
विचार-विमर्श अप्रेंटिसशिप पर डायलॉग एक्सचेंज को बढ़ावा देना, अप्रेंटिसशिप में वृद्धि, गुणवत्ता में वृद्धि, विभिन्न पृष्ठभूमियों और भौगोलिक क्षेत्रों के हाशिये पर मौजूद, अनसर्वेड और अंडरसर्वेड कम्युनिटी सहित सभी के लिए समान अवसरों की आवश्यकता पर केन्द्रित था ।
नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कमी (एनएपीएस) की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं- वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 2.6 लाख अप्रेंटिस ने सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। महिला अप्रेंटिस भी 2018-19 में 22,427 से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 1.48 लाख हो गई हैं, जो पिछले पांच वर्षों में लगभग 7 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।nसक्रिय प्रतिष्ठानों की संख्या 2018-19 में 6,755 से बढ़कर 2023-24 में 40,655 हो गई है। 2022-2023 में: हमने ऑप्शनल ट्रेडों में 4.80 लाख अप्रेंटिस को प्रशिक्षित किया है, जबकि हमने डीटी में 2.58 लाख अप्रेंटिस को प्रशिक्षित किया है। आज हम देख रहे हैं कि गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्य अप्रेंटिसशिप इंगेजमेंट चार्ट में शीर्ष पर हैं। आज 9 लाख से ज्यादा युवा जो अप्रेंटिस हैं, उनकी उम्र 23-26 साल है। 5-8वीं पासआउट से लेकर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और सर्टिफिकेट होल्डर्स तक ने अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग का विकल्प चुना है। हमारा अंतिम माइल इम्पैक्ट आज पूर्वोत्तर क्षेत्र, आकांक्षी जिलों और आदिवासी जिलों तक पहुंच गया है। अप्रेंटिसशिप के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हमने देश भर में बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिसशिप मेला और कौशल महोत्सव और इंडस्ट्री क्लस्टर वर्कशॉप आयोजित की हैं। अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग को बढ़ावा देने में इंडस्ट्री कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल पार्क, चैंबर ऑफ कॉमर्स, प्राइवेट सेक्टर बैंक, लार्ज सीए फर्म, सेक्टर स्किल काउंसिल और इंडस्ट्री क्लस्टर की भागीदारी है।
एनएपीएस के कार्यान्वयन के साथ, भारत सरकार निर्धारित स्टाइपेंड का 25% प्रतिपूर्ति करती है – जो प्रति अप्रेंटिस अधिकतम 1500/- रुपये प्रति माह है – जो सभी एम्प्लॉयर्स अप्रेंटिस को नियुक्त करके करते हैं। एनएपीएस के कार्यान्वयन के साथ, यह देखा गया है कि सभी एस्टेब्लिशमेंट सरकार स्टाइपेंड की आंशिक प्रतिपूर्ति नहीं चाहते हैं। पिछले ट्रेंड के अनुसार, एनएपीएस 2.0 के तहत 30% टारेगट अप्रेंटिस को भारत सरकार द्वारा उनके स्टाइपेंड का भुगतान किया जाएगा। डीबीटी लागू होने से अप्रेंटिस की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। तदनुसार, कवर किए गए अप्रेंटिस का प्रतिशत 30% से अधिक हो जाएगा।
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