भगवान महावीर के जन्म पूर्व देख गये 14 स्वप्न का वर्णन

भगवान महावीर जन्म वाचन श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ अंतर्गत चल रहे पूर्यषण पर्व अंतर्गत आज पांचवे दिन प. पू. साध्वी हंसज्ञा श्री जी म. सा. के मुखार्विन्द से कल्पसूत्र वाचन अंतर्गत ‘त्रिशला’ क्षत्राणी द्वारा भगवान महावीर के जन्म पूर्व देख गये 14 स्वप्न का वर्णन अर्थ सहित बतलाते हुए बतलाया कि उत्तरा फाल्गुनि नक्षत्र में उच्च कोटि के नक्षत्र एवं योग आने पर भगवान महावीर का मध्य रात्रि को जन्म हुआ, जन्म उद्घोषणा पश्चात उपस्थित समुदाय में आनन्द का वातावरण छा गया, घंट नाद झालर बजाई गई, रत्न जडि़त पालना झुलाया गया, केशर-चंदन-कुंकु के छापे लगाये गये। बान्दनवाड़ बांध गई एवं ढ़ोल-ढ़माकों के साथ पालना की जुलुश निकाला गया जिसमें सुरेशचंद खींवसरा, माणकलाल कास्टिया, प्रकाशचंद सोनी, रिखबचंद सचेती, दलपतराज भंडारी, गौरव तातेड़, नरपतराज भण्डारी, डॉ. जे. सी. बैद आदि गणमान्य व्यक्तियों श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया, मंत्री पूनमचंद करनावट ने रात्री पालना जी, भक्ति जागरण कलापूर्ण सूरि आराधना भवन में हुआ जानकारी दी। पूनम चंद करनावट मंत्री

error: Content is protected !!