देश विरोधी गतिविधियों में शामिल प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से क्या सुझाव लेना चाहते मुख्यमंत्री गहलोत – देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 5 अक्टूबर। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विजन 2030 को लेकर आज जारी किए गए दस्तावेज पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जयपुर में आयोजित इस राज्य स्तरीय समारोह में सरकार की ओर से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल और कई राज्यों में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई को भी आमंत्रित करना बेहद गंभीर विषय है। देवनानी ने सवाल किया कि पीएफआई जैसे संगठन जो नफरत और हिंसा को बढ़ावा देते हैं उनको आमंत्रित कर मुख्यमंत्री गहलोत क्या संदेश देना चाह रहे हैं। देवनानी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत याद रखे कि 2030 से पहले 2023 है और जनता का सुझाव है अशोक गहलोत घर बैठ जाऐं क्योकि राजस्थान की जनता ने तय कर लिया है कि प्रदेश में भी जल्द ही डबल इंजन की सरकार आने वाली है।

देवनानी ने कहा कि जयपुर में गुरुवार को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) विभाग की ओर से जो आदेश जारी हुए उसके तहत शासन सचिव स्कूल शिक्षा एवं भाषा विभाग कार्यालय जयपुर की ओर से 150 प्रतिनिधियों की सूची शामिल जारी की गई जिन्हें इस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस सूची में क्रमांक संख्या 43 पर पीएफआई संगठन का नाम भी दर्ज है। देवनानी ने कहा कि पीएफआई संगठन की गतिविधियां किसी से छिपी हुई नहीं है। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में भी पीएफआई संगठन की भूमिका की जांच की जा रही है। ऐसे में राजस्थान के विकसित विजन 2030 में इस संगठन को शामिल करना बेहद गंभीर और चिंताजनक विषय है।
देवनानी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की प्रदेश के विजन को लेकर जिस ड्राफ्ट को जारी किया गया उसके लिए राष्ट्रवादी विचारधाराओं वाले संगठनों से सरकार ने दूरी बनाए रखी और पीएफआई जैसे संगठन को सरकारी आदेश के जरिए आमंत्रित किया जा रहा है। यह सरकार की तुष्टिकरण की नीति को साफ दर्शाता है।

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