देवनानी ने कहा कि जयपुर में गुरुवार को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) विभाग की ओर से जो आदेश जारी हुए उसके तहत शासन सचिव स्कूल शिक्षा एवं भाषा विभाग कार्यालय जयपुर की ओर से 150 प्रतिनिधियों की सूची शामिल जारी की गई जिन्हें इस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस सूची में क्रमांक संख्या 43 पर पीएफआई संगठन का नाम भी दर्ज है। देवनानी ने कहा कि पीएफआई संगठन की गतिविधियां किसी से छिपी हुई नहीं है। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में भी पीएफआई संगठन की भूमिका की जांच की जा रही है। ऐसे में राजस्थान के विकसित विजन 2030 में इस संगठन को शामिल करना बेहद गंभीर और चिंताजनक विषय है।
देवनानी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की प्रदेश के विजन को लेकर जिस ड्राफ्ट को जारी किया गया उसके लिए राष्ट्रवादी विचारधाराओं वाले संगठनों से सरकार ने दूरी बनाए रखी और पीएफआई जैसे संगठन को सरकारी आदेश के जरिए आमंत्रित किया जा रहा है। यह सरकार की तुष्टिकरण की नीति को साफ दर्शाता है।