श्री 1008 चारित्र शुद्धि महामंडल विधान के अन्तर्गत पंचमहागुरु भक्ति मे सराबोर हुआ सम्पूर्ण अजमेर जैन समाज

आज दिनांक 17 नवम्बर 2023 -विश्व की अनुपम कृति श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाकामदार अजमेर में परम पूज्य आचार्य श्री 108 विवेकसागर जी महाराज ससंघ सानिध्य मे श्री 1008 चारित्र शुद्धि महामंडल विधान का भव्यातिभव्य आयोजन दिनांक 15.11.2023 से प्रारंभ हुआ है। विधान के अन्तर्गत 1234 अर्घ मंडल पर समर्पित किये जायेंगे।
यह जानकारी देते हुए राजकुमार पॉण्डया ने बताया कि दिगम्बर जैन समाज अजमेर के करीब 108 युगल व अनेकों एकल स्त्री व पुरुष महामंडल विधान मे सम्मिलित होकर श्री जिनेंद्र प्रभु की महाअर्चना कर रहे है। सम्पूर्ण श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र अजमेर भक्ति श्रद्धा व आनंद के रंगों मे रंगा हुआ है। प्रातकाल 6.30 बजे से ही मंगलाष्टक के मांगलिक छंदों के साथ जिनाभिषेक व शांतिधारा की मांगलिक क्रिया प्रारंभ हो जाती है। तत्पश्चात नित्य नियम पूजन साथ ही संगीत की सूर लहरियों में महामंडल विधान की पूजन सौधर्म इंद्र संजीव जैन, चक्रवर्ती राजीव जैन, यज्ञनायक सुदीप जैन, कुबेर सम्यक जैन, ईशान सत्येंद्र जैन एवं अन्य इंद्र-इंद्राणी थिरक-थिरक नृत्य झूमते हुए करते है साथ मे शची इंद्राणी व अन्य इंद्राणी भी भक्ति के रस मे डूब जाती है। चौसठ चंवर से युक्त सुंदर रजतमयी पाडुक शिला पर वर्तमान शासन नायक तीर्थंकर प्रभु श्री 1008 महावीर स्वामी अपनी आभा मंडल से समस्त जिनशासन को प्रकाशित कर रहे है। साथ ही जगत के समस्त भव्य-अभव्य जीवों के मोक्ष मार्ग को प्रशस्त कर रहे है। उनके गणधर के रुप मे आचार्य परमेष्ठी श्री 108 विवेकसागर जी महाराज अपने मार्मिक उद्बोधन के द्वारा श्री चारित्र शुद्धि विधान के महात्म्य को उद्घाटित कर रहे है। उक्त कार्यक्रम में सम्पूर्ण अजमेर नगर मे उत्साह उमंग व भक्ति प्रकट हो रही है। संध्याकाल मे श्री जिनेंद्र प्रभु की महाआरती के पावन क्षण भी रोमांचित करते हुए भक्ति करने को लालायित करते है। पुण्यार्जक परिवार के निवास स्थान से जनसमूह के साथ भव्यता से महाआरती प्रारंभ होकर श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र पहुंचकर श्री जिनेंद्र प्रभु की रजतमयी दीपों से संगीतमय महाआरती का सौभाग्य प्राप्त करते है। तत्पश्चात विधानाचार्य पंडित प्रवर के सारगर्भित उद्बोधन एवं उनके ही कुशल निर्देशन मे धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
अजमेर दिगम्बर जैन समाज को महान श्री जिनेंद्र प्रभु की भक्ति से सराबोर विधान कराने का पुण्य संचय श्राविका रत्न श्रीमती विमलादेवी जैन कोहले, श्री चारित्र शुद्धि 1234 व्रतोंद्यापन के पावन उपलक्ष्य मे संजीव कुमार, राजीव कुमार, सुदीप कुमार, सम्यक जैन कोहले परिवार अजमेर ने प्रदान किया।
भवदीय
(राजकुमार पॉण्डया)
मो. 9352000220

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